किसान-मजदूर संगठन बोले- दिल्ली की सड़कें जाम होगी:सीकर में कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध-प्रदर्शन किया, चेतावनी रैली निकाली
किसान-मजदूर संगठन बोले- दिल्ली की सड़कें जाम होगी:सीकर में कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध-प्रदर्शन किया, चेतावनी रैली निकाली

जनमानस शेखावाटी संवाददाता: हरत कुमार
सीकर : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की राष्ट्रीय समन्वय समिति व आमसभा के राष्ट्रीय आह्वान पर किसान-मजदूर संगठनों ने सीकर में चेतावनी रैली निकाली। किसान व मजदूर संगठनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
चेतावनी रैली चौधरी किशन सिंह ढाका भवन से रवाना होकर कल्याण सर्किल, कोर्ट रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। किसानों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। किसान-मजदूरों ने कलेक्ट्रेट के बाहर भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए।

बीकेयू के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़ ने बताया- चेतावनी रैली में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान, ट्रेड व श्रमिक यूनियनों, खेत मजदूर, छात्र, नौजवान, महिला आदि संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। जिलाध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा- अगर आगामी तीन महीनों में किसानों-मजदूरों की लम्बित मांगें पूरी नहीं की गई तो देश के किसान-मजदूर फिर से बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसका सामना करने के लिए मोदी सरकार तैयार रहे। दिल्ली की सड़कों को फिर से जाम किया जाएगा।
जाखड़ ने कहा- संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच, अन्य ट्रेड यूनियनों और खेत मजदूर यूनियन आदि प्रमुख संगठनों के मंच की ओर से संयुक्त रूप से देश के 500 जिलों में आज चेतावनी रैली निकाली जा रही हैं। चेतावनी रैली मोदी सरकार के पास सालों से लम्बित पड़ी किसानों व मजदूरों की प्रमुख मांगों पर देशव्यापी समर्थन दर्शाने, मांगों के प्रति सरकार, प्रशासन व जनता का ध्यान आकर्षित करने और मोदी सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाने के लिए निकाली जा रही हैं।

जाखड़ ने बताया- संयुक्त किसान मोर्चा ने एनडीए-3 सरकार को राष्ट्रीय किसान आयोग व भारत रत्न डॉ. एमएस स्वामीनाथन की सिफारिश व फॉर्मूले सी-2 प्लस 50 प्रतिशत के अनुसार एमएसपी घोषित करने तथा घोषित एमएसपी पर सभी कृषि जिन्सों की उपजों की खरीद की गारंटी का कानून बनाने का ज्ञापन राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा गया है।
ज्ञापन के माध्यम से देश के मजदूरों के लिए शोषणकारी साबित हो रहे केन्द्र सरकार के 4 लेबर कोड बिलों को निरस्त करवाने, मनरेगा को कृषि व खेत से जोड़ने, किसानों की आत्महत्या रोकने तथा ऋण ग्रस्तता से किसानों की मुक्ति के लिए व्यापक एवं सर्व समावेशी ऋण मुक्ति योजना लागू करने, बिजली विधेयक 2020 को वापस लेने सहित अनेक किसान विरोधी नीतियों के बारे में चेताया गया है। जाखड़ ने कहा- सरकार एक बार फिर से किसानों के आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे। तीन महीने बाद फिर से दिल्ली को जाने वाली सड़क जाम होगी।
चेतावनी रैली में एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष जाखड़, पूर्व विधायक पेमाराम, किसान सभा के सचिव सागर खाचरिया, भवन निर्माण श्रमिक यूनियन (सीटू) के सुरेन्द्र आंतरी, खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बगड़िया, सुरेश थालौड़, जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश यादव, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष सदर मो. कासिम खिलजी सहित अनेक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।