झुंझुनूं : राजस्थान में जिस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, वहां अब कमल खिल गया है। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर बीजेपी जीत गई है। कांग्रेस को यहां ‘अपने’ ने ही तगड़ी चोट दे दी है। पिछले साल लाल डायरी की वजह से चर्चा में आए कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद वह निर्दलीय ही मैदान में उतर गए थे। इसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ।
यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। इस उप चुनाव से पहले बीजेपी सिर्फ एक ही बार यहां चुनाव जीत पाई है जबकि एक बार जनता दल को जीत मिली है। साल 2008 से लगातार यह सीट कांग्रेस के पास ही थी। मगर इस बार इतिहास बदल गया। कांग्रेस सांसद बृजेंद्र सिंह ओला लोकसभा चुनाव में जीतकर संसद पहुंच चुके थे और विधानसभा के रण में उनके बेटे अमित ओला मैदान में थे।
मगर वह पिता की सीट नहीं बचा पाए। बीजेपी के राजेंद्र भांबू ने जीत दर्ज कर ली। जबकि अमित ओला दूसरे नंबर पर रहे। मगर जिन्होंने सबसे बड़ा अंतर पैदा किया है, वो तीसरे नंबर के ‘खिलाड़ी’ हैं। कांग्रेस से बगावत करने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा 38 हजार से ज्यादा वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। मतलब साफ है कि यही अंतर कांग्रेस को भारी पड़ गया।
क्या था लाल डायरी का मामला
पिछले साल राजेंद्र गुढ़ा ने सनसनीखेज दावे किए। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां छापा पड़ा। धर्मेंद्र अपनी दिनचर्या को एक लाल डायरी में लिखा करते थे। छापेमारी के दौरान गुढ़ा को यह डायरी निकालने के लिए कहा गया। गुढ़ा ने दावा किया उस वक्त उन्होंने चाकू से बालकनी की जालियां काटी और उन डायरियों को घर के पीछे फेंक दिया। उन्होंने खुलकर तो नहीं बोला लेकिन दावा किया कि इन डायरियों में विधायकों के लेन-देन का लेखा-जोखा है। हालांकि कांग्रेस ने इन सब आरोपों से इनकार किया। बाद में राजेंद्र गुढ़ा को पार्टी से निकाल दिया गया।