झालावाड़ : राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा। बीजेपी की इस जीत पर पूर्व सीएम और पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि 7 में से 5 सीट जीतना आसान बात नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गृह जनपद झालावाड़ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया और इशारों ही इशारों में पार्टी में अपने विरोधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बादल कुछ देर तो सूरज को अदृश्य कर सकते हैं पर सूर्य की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं। उन्होंने आगे कहा कि सांप से कितना ही प्रेम कर लो, वह कभी न कभी आप पर जहर उगलेगा ही।
वसुंधरा राजे ने कहा कि हमें महाराणा प्रताप से यह प्रेरणा लेनी चाहिए। लोग आजकल पीठ में छुरा घोंपने में माहिर होते हैं, जबकि महाराणा प्रताप कभी ऐसा नहीं करते थे। वे निहत्थे पर वार भी नहीं करते थे। वे दो तलवार साथ रखते थे- एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए। उन्होंने महिलाओं पर कभी हमला नहीं किया। वे मातृभूमि की रक्षा के लिए अंत तक लड़े।
वसुंधरे राजे ने महाराणा प्रताप से सीख लेने की कही बात
पूर्व सीएम ने महाराणा प्रताप की 10 सीख बताते हुए कहा कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है। महलों में मखमल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में कांटों पर सोना पड़ता है। हमें महाराणा का जीवन यही सिखाता है। महाराणा का सिद्धांत था कि विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानते हैं, जीत उन्हीं की होती है। जो सुख में अति प्रसन्न और संकट में डर कर झुक जाते हैं, उन्हें न तो सफलता मिलती और न ही इतिहास उन्हें याद रखता है। उन्होंने आगे कहा कि सिर काट लो, लेकिन दुश्मन के सामने कभी सिर मत झुकाओ। जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाए, तब तक 24 घंटे जागते रहो।
यूं तो वसुंधरा ने अपने भाषण में महाराणा प्रताप के जीवन की खूबियों और उनसे सीख लेने की बात कही है लेकिन फिर भी उनकी बातों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि वह कौन है, जिसने वसुंधरा राजे के पीठ में छुरा मारने का प्रयास किया है, राजे इशारे-इशारे में किसी को कुछ समझाना चाह रही हैं या फिर अपनी ही बात कर रही हैं।