कांच ही बांस के बहंगिया… जैसे लोकगीतों से गूंजा प्रतापनगर:उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन, ढाई सौ किलो ठेकुआ और केले का प्रसाद बांटा गया
कांच ही बांस के बहंगिया... जैसे लोकगीतों से गूंजा प्रतापनगर:उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन, ढाई सौ किलो ठेकुआ और केले का प्रसाद बांटा गया
जयपुर : लोक आस्था के महापर्व के चौथे दिन यानी शुक्रवार को व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान जयपुर के प्रतापनगर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़े देखने को मिली। अरुणोदय जन विकास परिषद के बैनर तले प्रताप नगर में सेक्टर-15 के सामने (देहलावास बालाजी मंदिर के पास) हाउसिंग बोर्ड के ग्राउंड पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। महिलाएं कांच है बांस के बहंगिया… जैसे छठी मइया की गीत गाती रहीं। पूरा वातावतरण छठी मइया की भक्ति में रंग गया था। प्रमोद पाठक, प्रेम लता पाठक, सुमन गुर्जर सहित तमाम श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण किया।
अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा सांगानेर विधान सभा अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने बताया कि शुक्रवार को महापर्व का समापन हुआ। इसके लिए ढाई सौ किलो ठेकुआ (छठ पूजा पर बनने वाला प्रसाद) श्रद्धालुओं में बांटा गया। इसके अलावा केला सहित अन्य फलों का भी इंतजाम किया गया था।
इससे पहले गुरुवार को प्रतापनगर में बनाए गए घाट पर खास इंतजाम किया गया था। सांगानेर के एसडीएम हिम्मत सिंह, एसपी विनोद शर्मा, प्रताप नगर के एसएचओ मुनेंद्र सिंह और उनका पूरा स्टाफ पूजा स्थल पर पहुंचा था। महिला पुलिस भी तैनात रहीं। एसडीएम हिम्मत सिंह, एसपी विनोद शर्मा, एसएचओ मुनेंद्र सिंह सहित अन्य अतिथियों का साफा पहनाकर अरुणोदय जन विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने स्वागत किया। इस दौरान परिषद के अन्य पदाधिकारी अजय राय, सुनील सिंह, विशेश्वर प्रसाद, सीताराम यादव, बैजनाथ प्रसाद, रामानंद मिश्रा, हेमंत अवस्थी, लोकेश गुर्जर, हरलाल गुर्जर सहित तमाम लोग व्यवस्थाओं को संभालने में जुटे रहे।
परिषद के अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने बताया कि शुक्रवार सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर व्रती अपना 36 घंटों से चले आ रहे निर्जला व्रत को खत्म किया।। सुहाग की लंबी उम्र, संतान प्राप्ति और संतान की उन्नति के लिए रखा जाने वाला चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो गया। छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू हो चुका था। गुरुवार शाम और शुक्रवार सुबह व्रत करने वाली महिलाओं ने पानी के अंदर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रती दूध और पानी से सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं। बड़ी संख्या में यह व्रत पुरुष भी करते हैं। पूजन सामग्री में बांस की टोकरी में फल, फूल, ठेकुआ, चावल के लड्डू, गन्ना, मूली, कंदमूल और सूप रखा जाता है।
पिछले करीब 15 दिन से प्रताप नगर के हाउसिंग बोर्ड के ग्राउंड पर व्यवस्थाओं को जुटाने में प्रमोद पाठक और उनकी टीम डटी हुई थी। पदाधिकारियों ने बताया कि अगले साल व्यवस्थाओं को और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।