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रबी फसलों की बुवाई तेज:अब तक 14 हजार हैक्टेयर में हुई, सरसों की फसल के लिए बढ़ा किसानों का रुझान


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रबी फसलों की बुवाई तेज:अब तक 14 हजार हैक्टेयर में हुई, सरसों की फसल के लिए बढ़ा किसानों का रुझान

रबी फसलों की बुवाई तेज:अब तक 14 हजार हैक्टेयर में हुई, सरसों की फसल के लिए बढ़ा किसानों का रुझान

सुजानगढ़ : सुजानगढ़ और बीदासर क्षेत्र में रबी की फसलों की बुवाई जोरों पर है। इस साल मानसून की अच्छी बरसात और तापमान में कमी के कारण किसानों ने फसलों की बुवाई में तेजी लाई है। हालांकि अक्टूबर में गर्मी के कारण बुवाई में कुछ देरी हुई, लेकिन अब किसान सरसों, चना, मेथी, सौंफ सहित अन्य फसलों की बुवाई तेजी से कर रहे हैं।

कृषि अधिकारी दिनेश कुमावत ने बताया कि सुजानगढ़ और बीदासर तहसील में करीब 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की बुवाई की संभावना है, जिसमें अब तक लगभग 14,000 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। इस बुवाई में सुजानगढ़ में 3500 हेक्टेयर में सरसों, 500 हेक्टेयर में चना, 500 हेक्टेयर में मेथी, 500 हेक्टेयर में ईसबगोल और 100 हेक्टेयर में सौंफ की बुवाई हुई है। वहीं बीदासर तहसील में 4000 हेक्टेयर में सरसों, 800 हेक्टेयर में चना, 3000 हेक्टेयर में मेथी, 800 हेक्टेयर में ईसबगोल और 200 हेक्टेयर में सौंफ की बुवाई की गई है।

मावठ से मिलेगा फसलों को लाभ

कृषि अधिकारी ने कहा कि ये फसलें फरवरी के अंत से लेकर अप्रैल तक पककर कटाई के लिए तैयार हो जाएंगी। हालांकि, सर्दी वाली फसलों, खासकर सरसों में, पाले का खतरा रहता है, जिससे दाने सिकुड़ कर नष्ट हो सकते हैं। लेकिन यदि मावठ होती है तो फसलों के उत्पादन में गुणवत्ता और मात्रा दोनों में वृद्धि हो सकती है। कुमावत ने किसानों को सलाह दी कि वे मिट्टी की जांच करवाकर उर्वरकों का उपयोग करें और विशेष रूप से सरसों और चना की फसलों में डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का उपयोग करें।

इसके अलावा, किसानों को बीजों का उपचार कर बुवाई करनी चाहिए और फसल बुआई के 20 से 35 दिनों के भीतर निराई-गुड़ाई कर खरपतवारों को नष्ट करना चाहिए। खड़ी फसलों में कीट और रोगों पर भी समय-समय पर निगरानी रखनी चाहिए। सरसों जैसी फसलों को कम पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए 3-4 सिंचाई में ही फसल अच्छी तरह से हो सकती है।

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