जयपुर : पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे के बीच चले वार-पलटवार में अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी शामिल हो गए हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
गहलोत ने एक्स पर लिखा- राजस्थान में बीजेपी सरकार ने कांग्रेस सरकार की सभी योजनाओं को बंद कर दिया या कमजोर कर दिया, जिससे जनता में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। आपको राजस्थान के लोगों के बीच एक अध्ययन करवाना चाहिए ताकि पता चल सके कि हमारे घोषणापत्र के अनुसार लागू की गई कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने के कारण लोगों में कितनी पीड़ा है। ऐसे प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान देते देखना बहुत दुखद है। इनकी सरकार 2014 और 2019 में जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।
कांग्रेस सरकार के समय की योजनाओं का अध्ययन कर पूरे देश में लागू करें गहलोत ने लिखा- पार्टी के घोषणा-पत्र के आधार पर अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई गईं। उन्हें समय पर क्रियान्वित किया गया। इस प्रकार राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पूरे देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसका लाभ जनता को मिला। राजस्थान में हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कई ऐसी अनूठी योजनाएं बनाईं, जिनका आपको अध्ययन करना चाहिए और पूरे देश में लागू करना चाहिए। ओपीएस एक ऐसी योजना है जिसने राज्य में कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा दिया है।
आयुष्मान योजना में केवल 5 लाख का इलाज, कांग्रेस सरकार ने 25 लाख का कैशलेस इलाज का बीमा लागू किया था
गहलोत ने लिखा- सामाजिक सुरक्षा सरकार का प्रमुख एजेंडा था। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और न्यूनतम आय का कानून कांग्रेस सरकार के दौरान बनाया गया था। भारत सरकार की आयुष्मान योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को केवल 5 लाख रुपए का मुफ्त बीमा दिया जा रहा है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने सब लोगों के लिए 25 लाख रुपए का कैशलेस बीमा लागू किया गया था।
भाजपा को राजस्थान के लोगों के बीच एक अध्ययन करवाना चाहिए। कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने के कारण लोगों में कितनी पीड़ा है। प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान देते देखना बहुत दुखद है। – अशोक गहलोत, पूर्व सीएम
कांग्रेस की सरकारों ने घोषणा-पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाया
गहलोत ने लिखा- राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए सबको साथ लेकर चलने वाले एक समावेशी विचार के साथ अपने वादों को पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। पार्टी के दृष्टिकोण और पॉलिसी को उसके घोषणा-पत्र में शामिल किया गया था। राजस्थान में सरकार बनने के बाद हर कार्यकाल में पहली कैबिनेट बैठक में पार्टी के घोषणा-पत्र पर चर्चा होती थी। उसे सरकार का नीतिगत दस्तावेज बनाया जाता था।