झुंझुनूं जिला पीने के पानी के लिए डार्क जोन घोषित हो चुका है । पीने के पानी को लेकर जनता के आक्रोश की खबरें रोजाना अखबारों की सुर्खियां बनी रहती है । यमुना नदी का पानी झुन्झुनू को मिले इसको लेकर आंदोलन व धरना प्रदर्शन हो रहा है । यमुना नदी का जल जिले को दिलाने की राजनीति कोई नई नहीं है । कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने इस मुद्दे को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पाने के लिए खूब भुनाया था । अभी हाल ही में हरियाणा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था । हरियाणा के परिणामों पर जिक्र करना इसलिए जरुरी हो जाता है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में उस यमुना जल समझोते को निरस्त करने का वादा किया था जो समझौता राजस्थान सरकार व हरियाणा सरकार के मध्य लोकसभा चुनावों से पहले हुआ था । लेकिन हरियाणा में कांग्रेस सरकार नहीं बनी जो शेखावाटी की जनता के लिए सुखद संकेत है ।
झुंझुनूं विधानसभा के चुनावों की घोषणा हो चुकी है । बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने के बाद यहा उपचुनाव होगा लेकिन स्वर्गीय शीशराम ओला का अजेय गढ़ होने के कारण ओला परिवार ही इस राजनीतिक विरासत को आगे बढाने के लिए चुनाव मैदान मे दिखाई दे सकता है । चुनावों मे जीत के लिए विकास के बड़े बड़े वादे होंगे । कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पुर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट जब चुनाव प्रचार को झुन्झुनू विधानसभा आयेंगे तो हरियाणा चुनावी घोषणा पत्र को लेकर उनके पास क्या जबाब होगा जिसमें झुंझुनूं जिले के हितों की बलि दी गई थी । क्या घोषणा पत्र के उस बिन्दु से राजस्थान के कांग्रेस के दिग्गज नेता अनभिज्ञ थे ? यदि नहीं तो फिर झुंझुनूं जिले के हितों को मध्य नजर इसका विरोध क्यों नही किया । विरोध नहीं किया तो यह नेता किस मुंह से झुंझुनू के आवाम से वोट मांगने के लिए आयेंगे । जनता की अदालत में यह ज्वलंत मुद्दा रखने के प्रयास में झुन्झुनू की जागरुक जनता का आह्वान भी है कि झुन्झुनू जिले के हितों की बलि देने वाले नेताओं के मोरिये बुलाने का काम करें । यमुना जल समझौता धरातल पर मूर्त रूप कब लेगा इसका जबाब तो डबल इंजन सरकार ही दे सकती है लेकिन इस समझौते को निरस्त करने का घोषणा पत्र मे वादा करना झुंझुनूं जिले के आवाम पर कुठाराघात है । शेखावाटी के दिग्गज नेता सांसद, विधायक हरियाणा में चुनाव प्रचार करने गये थे क्या उन्होंने जिले के हितों का भक्षण करने वाले इस वादे का विरोध किया था ? यदि नहीं तो फिर झुंझुनूं में किस हैसियत से वोट मांगेंगे ।
“जनमानस शेखावाटी न्यूज़”, समाचार पत्र ने इस मानवीय मुद्दे को जनता की अदालत में रखने की हिम्मत की है । प्रजातांत्रिक व्यवस्था मे मतदान हर व्यक्ति का विशेषाधिकार होता है । एक वोट हार जीत का कारण बन सकता है । झुंझुनूं की परिपक्व जनता अपने हितों को ध्यान में रखते हुए मतदान करेगी ।
राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक