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झुंझुनूं नगर परिषद आयुक्त के तबादले के राजनीतिक मायने


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झुंझुनूं नगर परिषद आयुक्त के तबादले के राजनीतिक मायने

झुंझुनूं नगर परिषद आयुक्त के तबादले के राजनीतिक मायने

वैसे देखा जाए तो राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार की अभी तक एक ही उपलब्धि रही है कि अधिकारियों के तबादलों की जंबो लिस्ट रोजाना जारी होती है । इसी क्रम में झुंझुनूं नगर परिषद की आयुक्त का तबादला हुआ है । इस तबादले को राजनीतिक दृष्टि से देखें तो पहले आयुक्त का पुराना कार्यकाल देखना होगा जो काफी चर्चित रहा है । उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं एसीबी की कार्यवाही हुई है । इसके बावजूद भजनलाल शर्मा सरकार आते ही उन्हें झुंझुनूं किस भाजपा नेता की डिजायर पर लाया गया । देखा जाए तो भ्रष्टाचार के मामले में नेताओं व अफसरों का चोली दामन का साथ रहा है । इस गठजोड़ ने आवाम के लिए विकास के दावे जरूर किए लेकिन खुद के विकास में कहीं भी कभी नहीं छोडी । नगर परिषद आयुक्त पर झुंझुनूं में भी अवैध निर्माण व ऐतिहासिक हवेलियों को खुर्द-बुर्द करने के आरोप लगे थे । यह आरोप भाजपा के एक नेता ने ही सार्वजनिक तौर पर लगाए थे । आयुक्त की कार्यशैली को लेकर झुंझुनूं  नागरिक मंच ने भी मंत्री झाबर सिंह खर्रा को ज्ञापन सौंपा था । किसी अधिकारी के उपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उसका तबादला कर सरकार पल्ला झाड़ लेती है । आज ताजा घटनाक्रम में आयुक्त व नगर परिषद सभापति एक अवैध निर्माण पर कार्यवाही को लेकर आमने है । सूत्रों की माने तो यह अवैध निर्माण सभापति के रिश्तेदार का है । अब सवाल यह उठता है कि क्या किसी भी निर्माण की स्वीकृति केवल सभापति ही करती है आयुक्त का इसमें कोई रोल नही होता । निश्चित रूप से तत्कालीन आयुक्त इस अवैध निर्माण के लिए उतने ही दोषी है जितनी सभापति दोषी है । नेताओ व अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार को लेकर गठजोड़ ने सिस्टम को इतना दूषित कर दिया है कि आम आदमी के लिए सांस लेना भी दूभर हो गया है ।
यह अवैध निर्माणों कोई रातोंरात तो बना नहीं आज जब आयुक्त का तबादला हो गया है जब यह अवैध निर्माण उनको दिखाई दिया कितनी हास्यास्पद लगता है ।

लेकिन आयुक्त के तबादले से उस भाजपा नेता के राजनीतिक कद पर जरूर प्रभाव पड़ा है जिन्होंने ऐसे अधिकारी को डिजायर करके झुन्झुनू की जनता को झेलने के लिए झुंझुनूं लगाया । वैसे आयुक्त का मामला अकेला नहीं है पिलानी विद्याविहार नगर पालिका में भी ऐसे ही आचरण वाले ईओ को डिजायर करके लगाया गया था । खैर अब तो उनका भी तबादला सूरजगढ़ कर दिया है ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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