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लेपर्ड को ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला:घर से बाहर निकले व्यक्ति के नोंच लिए दोनों हाथ, अस्पताल में भर्ती


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लेपर्ड को ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला:घर से बाहर निकले व्यक्ति के नोंच लिए दोनों हाथ, अस्पताल में भर्ती

लेपर्ड को ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला:घर से बाहर निकले व्यक्ति के नोंच लिए दोनों हाथ, अस्पताल में भर्ती

उदयपुर : उदयपुर में लेपर्ड ने फिर एक ग्रामीण पर हमला कर घायल कर दिया। लेपर्ड ने व्यक्ति के दोनों हाथ नोंच लिए। बाद में चीख-पुकार सुनकर बचाने आए ग्रामीणों ने लेपर्ड को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला। लेपर्ड के चेहरे पर बड़ा घाव है। घटना शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे की है।

ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काटकर लेपर्ड को मार दिया।
ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काटकर लेपर्ड को मार दिया।

सायरा थाना क्षेत्र के कमोल गांव में 55 वर्षीय देवाराम पुत्र भैराराम रात को घर से बाहर निकले थे। इस दौरान अचानक लेपर्ड ने हमला कर दिया। लेपर्ड ने देवाराम के गले को जबड़े से पकड़ने के लिए झपट्टा मारा। देवाराम ने लेपर्ड को रोकने के लिए अपने दोनों हाथ आगे कर दिए। ऐसे में लेपर्ड ने देवाराम के हाथ नोंच लिए। हाथों को दांतों से काट भी लिया। देवाराम के जोर-जोर से चिल्लाने पर परिजन और आसपास ग्रामीण जाग गए। घायल देवाराम को तुरंत पदराड़ा सीएचसी ले जाया गया। जहां से उसे उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया है।

लेपर्ड के हमले से घायल देवाराम अस्पताल में भर्ती।
लेपर्ड के हमले से घायल देवाराम अस्पताल में भर्ती।

घायल के घर के पास ही पड़ा मिला लेपर्ड का शव

रेंजर ने बताया कि लेपर्ड का शव देवाराम के घर के पास ही पड़ा मिला। लेपर्ड का चेहरे पर बड़ा घाव है। जिससे लग रहा है कि किसी धारदार हथियार या कुल्हाड़ी से उस पर हमला किया गया। लेपर्ड के डर की वजह से इन दिनों ग्रामीण हथियार साथ में रखते हैं। ऐसे में संभावना है कि लेपर्ड ने जब देवाराम पर हमला किया तो बचाव के दौरान लेपर्ड पर भी हमला किया गया हो। हालांकि यह जांच का विषय है।

गोगुंदा के बाद अब सायरा में लेपर्ड के लगातार हमले जारी

गोगुंदा के बाद बाद अब सायरा में लेपर्ड का आतंक लगातार जारी है। कमोल गांव से करीब 10 किमी दूर ढोल गांव में एक दिन पहले लेपर्ड ने एक ग्रामीण पर हमले का प्रयास किया था। दो दिन पहल 9 अक्टूबर को लेपर्ड ने ढोल गांव के सरदारपुरा में गाय का शिकार किया था।

वहीं, 4 अक्टूबर 2024 को भी ढोल गांव के कालू सिंह और वाटो का गुड़ा की चपली बाई पर लेपर्ड ने हमले का प्रयास किया था। लगातार हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। वे घर से बाहर मवेशियों को चराने नहीं जा रहे और ना ही खेत पर काम करने जा रहे हैं।

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