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पीरामल फाउंडेशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों के समग्र विकास की ओर अग्रसर


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पीरामल फाउंडेशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों के समग्र विकास की ओर अग्रसर

पीरामल फाउंडेशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों के समग्र विकास की ओर अग्रसर

 झुंझुनूं : शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक विकास को महत्व देते हुए, जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण (सी लर्निंग) कॉर्नर की स्थापना की जा रही है। यह पहल विद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक शुरुआत है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपनी भावनाओं को समझने, पहचानने और संतुलित करने में सहायता करना है। इसके साथ ही, यह पहल स्कूल में एक करुणामय और संवेदनशील माहौल बनाने में मदद करना है, जिससे शिक्षा का स्तर न केवल अकादमिक दृष्टिकोण से बल्कि नैतिक और भावनात्मक स्तर पर भी उन्नत होगा।

यह पहल पीरामल फाउंडेशन व उनके गाँधी फेलोज द्वारा संचालित सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में छात्रों के समग्र विकास के लिए सामाजिक, भावनात्मक, और नैतिक शिक्षा पर जोर दिया गया है, और सी लर्निंग इसी दिशा में एक प्रभावी प्रयास है।

इस कॉर्नर में भावनाओ का पेड़, तन्यकता क्षेत्र, तत्काल उपाय, फ्रेमवर्क, खुशियों का पिटारा आदि की पेंटिंग किसी कक्षा-कक्ष या गैलरी में की जाती है जहाँ विद्यार्थी स्वयं को ओके जोन में लाकर अपनी पढाई करते हैं | यह सी लर्निंग कॉर्नर एक ऐसा मंच होता है, जो विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए भावनात्मक शिक्षा का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। यह पहल मानसिक तनाव को कम करने, आत्म-संयम को प्रोत्साहित करने और सामूहिक भावना को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके निर्माण में गांधी फेलो और विद्यालय के विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

संस्था प्रधान व शिक्षकों के नेतृत्व, मार्गदर्शन और दूरदृष्टि के चलते यह पहल विद्यालय में संभव हो पा रही है। वर्तमान में इस कॉर्नर की पेंटिंग राजकीय विद्यालयों मोहनपुर, सुल्ताना, झेरली, खेरला, निराधनु व धतरवाला में की जा रही है| गाँधी फेलोज विद्यालय में करुणामय वातावरण और भावनात्मक विकास पर जोर देते हुए इसे एक सफल परियोजना बनाने में जुटे हैं।

पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर मोहम्मद खुलूस खान ने चल रहे कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “इस कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियाँ विद्यार्थियों को न केवल 21वीं सदी के कौशलों को विकसित करने में भी सहायक होती हैं एवं उनको वैश्विक नागरिक बनने में भी मदद करती हैं। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो छात्रों के समग्र और सामाजिक विकास को प्राथमिकता देती है। इस तरह की गतिविधियां भविष्य की चुनौतियों के लिए विद्यार्थियों को सशक्त बनाएंगी।”

कार्यक्रम की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भावनात्मक और नैतिक शिक्षा का भी महत्वपूर्ण योगदान है। विद्यालय में इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और सामाजिक कौशल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।

विद्यालयों के संस्था प्रधानों और सी लर्निंग एम्बेसडर के नेतृत्व में, यह पहल एक करुणामय और सकारात्मक वातावरण बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है, जो एनईपी 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देती है।

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