रॉयल ट्रेन के शाही सफर की शुरुआत:पैलेस ऑन व्हील्स 32 पर्यटकों को लेकर पहुंची जयपुर; राजस्थानी लोक परंपरा से विदेशी मेहमानों का स्वागत
रॉयल ट्रेन के शाही सफर की शुरुआत:पैलेस ऑन व्हील्स 32 पर्यटकों को लेकर पहुंची जयपुर; राजस्थानी लोक परंपरा से विदेशी मेहमानों का स्वागत

जयपुर : भारतीय रेल और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आर टी डीसी) की ओर से संचालित शाही ट्रेन ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ गुरुवार को जयपुर पहुंची। इस सीजन के पहले सफर को तय कर रही इस ट्रेन में देश-विदेश के 32 टूरिस्ट गांधी नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां पारंपरिक अंदाज में टूरिस्ट का स्वागत किया गया। ट्रेन में सवार सैलानी जब स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचे तो कच्छी घोड़ी और लोक वाद्य बजाते कलाकारों ने उनकी अगवानी की। इसके बाद लोक कलाकारों ने माथे पर तिलक और माला पहनाकर अतिथियों का स्वागत किया।
इस सीजन के पहले शाही सफर की शुरुआत नई दिल्ली के सफदरजंग रेल्वे स्टेशन से बुधवार 25 सितंबर की शाम से हुई। आरटीडीसी की प्रबन्ध निदेशक सुषमा अरोड़ा, कार्यकारी निदेशक राजेंद्र सिंह शेखावत, ट्रेन का संचालन करने वाली निजी कंपनी ओ एण्ड एम के मैनेजिंग डायरेक्टर भगत सिंह लोहागढ़ और निदेशक प्रदीप बोहरा ने हरी झंडी दिखा कर शाही रेल को रवाना किया।

शाही ट्रेन के निदेशक ओ एंड एम भगत सिंह लोहागढ़ ने बताया कि यह इस सीजन का पहला सफर है। इसकी शुरुआत दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से किया गया। इसमें पर्यटकों की सुविधाओं के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। यहां आने वाले टूरिस्ट को लग्जरी एहसास के साथ पारंपरिक खूबसूरती से भी अवगत करवाया जा रहा है। ट्रेन को नए लुक में तैयार किया गया है। इस सीजन के पहले सफर में 32 यात्री शामिल है। यात्रियों में अमेरिका और ब्रिटेन से पांच-पांच, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर से दो-दो, श्रीलंका, यूक्रेन और पोलैंड से एक-एक और भारत से 12 यात्री शामिल हैं।

शाही ट्रेन (ओएण्डएम) के निदेशक प्रदीप बोहरा ने बताया कि इस ट्रेन में एक बार में 82 यात्री जा सकते है। इस ट्रेन में एक रूम (केबिन) का सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख और सबसे महंगा 39 लाख रूपए है। इस लग्जरी ट्रेन की खासियत है की इसके जरिए मात्र सात दिन में राजस्थान और उप्र के आठ शहरों जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर और आगरा को कवर किया जायेगा।
आरटीडीसी की प्रबन्ध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने इस मौके पर कहा कि 1982 में शुरू हुई यह ट्रेन देश की पहली हेरिटेज ट्रेन है। इस शाही को देश की सांस्कृतिक राजदूत कहे तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं है। इस ट्रेन को पिछले तीन महीनों में मैकेनिकल और डिजाइन संबंधी काम करके ट्रेन के लुक को और अधिक बेहतर और फील को उत्कृष्ट कोटि का बनाया गया है।
अरोड़ा ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर में होने वाले राइजिंग राजस्थान इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट समिट के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और आरटीडीसी के चेयरमैन रवि जैन पर्यटन के क्षेत्र में निवेश पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे है।

पीपीपी मोड पर शाही ट्रेन
आरटीडीसी इसे पीपीपी मोड पर शाही ट्रेन का संचालन करवा रही है । शाही ट्रेन को निजी हाथों में देने के बाद इसको नया लुक दिया गया है। ट्रेन के साज सज्जा, फूड वैरायटी पर ध्यान दिया गया है। 41 साल से चल रही इस शाही रेल को विदेशी सैलानियों द्वारा पसंद किया जा रहा है।
26 जनवरी 1982 को पहली बार यह रेल शुरू की गई थी। सालों से शाही रेल देश विदेश के सैलानियों को शाही सफर का एहसास करवा रही है। हर साल यह ट्रेन सितंबर महीने के पहले बुधवार को ही रवाना हो जाती है, जो अप्रैल तक चलती है। इसका रूट दिल्ली होते हुए जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा होते हुए दिल्ली तक है।