डीप-फ्रिज में मृत हिरण रख रैली,8 दौर की वार्ता विफल:गुस्साए लोगों ने NH-62 किया जाम; DFO-रेंजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
डीप-फ्रिज में मृत हिरण रख रैली,8 दौर की वार्ता विफल:गुस्साए लोगों ने NH-62 किया जाम; DFO-रेंजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सूरतगढ़-श्रीगंगानगर : हिरण के शिकार के खिलाफ श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में रविवार को शुरू हुआ आंदोलन तीसरे दिन मंगलवार को भी जारी है। दोपहर 2.15 बजे लोगों ने पठानकोट (पंजाब) से कांडला पोर्ट (गुजरात) जाने वाले नेशनल हाईवे-62 को जाम दिया। शिकार हुए हिरण को डीप-फ्रिज में रख ट्रैक्टर से लोगों ने रैली निकाली।

अखिल भारतीय विश्नोई युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित कड़वासरा ने बताया- रविवार को सुबह 6 बजे सूरतगढ़ कस्बे के गांव 64 LNP निवासी किसान बजरंग पूनिया को झाड़ियों में घायल हिरण मिला था। उसकी गर्दन के पास गोली लगने का निशान था। बजरंग ने वन्य जीव प्रेमियों को सूचना दी। वे हिरण को इलाज के लिए रिड़मलसर वन्य जीव रक्षा चौकी (श्रीगंगानगर) लेकर पहुंचे। लेकिन हिरण ने रास्ते में दम तोड़ दिया था।
इसके बाद रायसिंहगर रेंजर जगदेव शर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हिरण के पोस्टमॉर्टम के लिए हमने मना कर दिया। रविवार को हम रिड़मलसर-भगवानगढ़ रोड (सूरतगढ़) पर 9 DBN के रोही क्षेत्र में हिरण के शव को डीप फ्रीज में रखकर धरने पर बैठ गए।

रविवार की इस घटना के बाद बिश्नोई समाज और इलाके के लोग आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने नेशनल हाईवे-62 जाम कर दिया। हमारी मांग है कि श्रीगंगानगर डीएफओ दिलीप सिंह राठौड़ और सूरतगढ़ रेंजर वेदप्रकाश को हटाया जाए।
अब तक हो चुकी 8 दौर की वार्ता
- 18 अगस्त को सुबह 6 बजे सूरतगढ़ उपखंड के वन क्षेत्र के रोही इलाके में खेत पर जा रहे एक किसान को झाड़ियों के पास घायल काला हिरण नजर आया। ग्रामीण उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।
- रविवार सुबह 10 बजे रायसिंह नगर के रेंजर जगदेव शर्मा ने वन्य जीव प्रेमियों को समझाने की कोशिश की। शिकारियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया, लेकिन आक्रोशित लोगों ने सुबह 11:15 बजे धरना शुरू कर दिया। उनके समर्थन में आसपास के ग्रामीण भी पहुंच गए।
- दोपहर करीब 12 बजे सूरतगढ़ के तहसीलदार हाबूलाल मीणा, डीएसपी प्रतीक मील और सदर थानाधिकारी कृष्ण कुमार पहुंचे। इस वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं निकला।
- शाम 4 बजे श्रीगंगानगर से पहुंचे एडीएम (विजिलेंस) कैलाश शर्मा के सामने वन्य जीव प्रेमियों ने कलेक्टर को बुलाने की शर्त रखी। यह बातचीत भी बेनतीजा रही।
- शाम 7 बजे पदमपुर से पहुंचे एसडीएम संदीप काकड़ और एडिशनल एसपी रघुवीर सिंह के नेतृत्व में वार्ता हुई, लेकिन वन्य जीव प्रेमियों ने उनसे बात करने से मना कर दिया।
- रात 9 बजे 200 से ज्यादा लोग मौके पर पहुंच गए थे। इसलिए सोमवार को आगे की रणनीति बनाने का आह्वान करते हुए रात को जागरण का आयोजन किया गया। वन्य जीव प्रेमियों ने वहीं पर रात गुजारी।
- 19 अगस्त को दोपहर 2 बजे नाराज वन्य जीव प्रेमियों ने पुलिस प्रशासन को शाम 4 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। दोपहर 3 बजे सूरतगढ़ के एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, डीएसपी प्रतीक मील और सदर थाना अधिकारी कृष्ण कुमार ने चर्चा की, लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली।
- शाम करीब 6:45 बजे एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, डीएफओ दिलीप सिंह राठौड़, पदमपुर के एसडीएम संदीप कुमार काकड़, सूरतगढ़ के डीएसपी प्रतीक मील और सदर सीआई कृष्ण कुमार वार्ता के लिए पहुंचे। वार्ता में पुलिस प्रशासन की ओर से केवल रेंजर को एपीओ करने पर सहमति जताई, लेकिन वन्य जीव प्रेमी नहीं माने और मंगलवार को नेशनल हाईवे-62 को जाम करने की चेतावनी दे दी।
- 20 अगस्त 12.30 बजे श्रीगंगानगर, सूरतगढ़ एडीएम, पदमपुर एसडीएम, श्रीगंगानगर एडिशनल एसपी, सूरतगढ़ डीएसपी, सदर थानाधिकारी कृष्ण कुमार ने लोगों के साथ 7वें दौर की वार्ता शुरू की। आधे घंटे वार्ता चली। प्रशासन ने मांगें नहीं मानी। इसके बाद लोगों ने कलेक्टर को बुलाने की मांग की, एनएच 62 को जाम किया।
- दोपहर 3.10 बजे कलेक्टर लोकबंधु, एसपी गौरव यादव के साथ 3:10 बजे कैंचियां पुलिस चौकी पहुंचे। जहां आंदोलनकारी वन्य जीव प्रेमियों और ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया गया। 40 मिनट तक चली यह बैठक भी नाकाम रही।
प्रशासन के साथ 8 बार हो चुकी वार्ता
मंगलवार को दोपहर 12.30 बजे आंदोलन कर रहे लोगों से प्रशासन की 7वें दौर की वार्ता हुई। प्रशासन ने मांगें नहीं मानी तो लोग वार्ता छोड़ चल दिए और नेशनल हाईवे-62 की ओर कूच कर गए। लोगों ने हिरण की बॉडी को डीप फ्रिज में रखकर रैली निकाली।
लोग भगवानगढ़ गांव (सूरतगढ़) से लेकर हाईवे स्थित बस स्टैंड तक ट्रैक्टरों, कारों, जीपों और हाईवे की तरफ बढ़ने लगे। यहां भी डीएसपी प्रतीक मील और सदर थानाधिकारी कृष्ण कुमार ने रैली को रोकने की कोशिश की। लेकिन भीड़ NH- 62 पर पहुंच ही गई।
हाईवे जाम होते ही पुलिस प्रशासन ने कलेक्टर को मामले की जानकारी दी। इस पर कलेक्टर लोकबंधु एसपी गौरव यादव के साथ दोपहर 3:10 बजे कैंचियां पुलिस चौकी (सूरतगढ़) पहुंचे। जहां आंदोलनकारी वन्य जीव प्रेमियों और ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया। कैंचियां पुलिस चौकी पर 40 मिनट तक चली वार्ता भी विफल हो गई।
इस बीच शाम करीब 5:00 बजे जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि वह मुख्यालय जा रहे हैं। वहां जाकर रेंजर को निलंबित करने के आदेश निकलवा रहे हैं। वहीं डीएफओ को एपीओ करने की अपनी ओर से अनुशंसा कर देंगे। इस पर वन्यजीव प्रेमियों ने कहा कि उन्हें लिखित में आदेश चाहिए। रेंजर को निलंबित करने के बाद वे एक बारगी अपना धरना NH- 62 के भगवानगढ़ बस स्टैंड से हटा लेंगे, मगर अन्य स्थान पर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जब तक उनकी सभी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

पुलिस ने यातायात डायवर्ट करवाया
लोगों ने हाईवे के लिए कूच किया तो पुलिस ने सूचना फॉरवर्ड कर श्रीगंगानगर सड़क मार्ग पर गांव गणेशगढ़ और कैंचियां से पहले यातायात को डायवर्ट करवा दिया। वहीं सूरतगढ़ से पहले बीकानेर मार्ग पर राजियासर के पास तिराहे से बड़े और भारी वाहनों को डायवर्ट करवाया गया।
चार पहिया सहित अन्य छोटे वाहन जाम स्थल से कई किलोमीटर पहले लिंक सड़क मार्ग से आवागमन करते रहे।
अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित कड़वासरा ने बताया- जिन लोगों के खिलाफ हम कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, उन्हीं को बातचीत करने के लिए भेजा जा रहा है। (बता दें कि श्रीगंगानगर डीएफओ दिलीप सिंह राठौड़ छठे दौर की वार्ता में शामिल थे।) श्रीगंगानगर प्रशासन हमसे बात करे और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दे।

ट्रैक्टर ट्रॉलियों, वाहनों से पहुंचे लोग
रैली और धरने में बड़ी संख्या में लोग हाईवे पर पहुंचे। भारी संख्या में महिलाएं भी हैं। इस दौरान मौके पर सूरतगढ़, सदर थाना, राजियासर थाना और श्रीगंगानगर पुलिस लाइन के 500 जवान तैनात हैं। श्रीगंगानगर एडिशनल एसपी रघुवीर सिंह मौके पर हैं।

विश्नोई समाज की महिला ने शुरू की तपस्या
मंगलवार सुबह 11 बजे 9 DBN के रोही धरना स्थल पर विश्नोई समाज की महिला परमेश्वरी देवी बीच सड़क पर बैठ गई। उन्होंने कहा- मैं तपस्या कर रही हूं। मृत जीव को न्याय नहीं मिला तो यहीं बैठी रहूंगी। जिले में हिरण शिकार की यह यह तीसरी घटना है। हिरण का गोली मारकर शिकार किया गया है, कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा। जब तक मृत हिरण की आत्मा को न्याय नहीं मिलेगा, यहां से नहीं उठूंगी।


पिछले हफ्ते बाड़मेर में 10 हिरणों का शिकार, होटलों में सप्लाई करते थे मांस
12 अगस्त को बाड़मेर के लीलसर गांव में 10 हिरणों के शव और कुछ अवशेष पड़े हुए थे। होटलों में मांस सप्लाई करने के लिए हिरणों का शिकार किया गया था। घटना से गुस्साए लोगों ने दो दिन तक धरना दिया। मामले में पुलिस ने 9 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
ये हैं मांगें
- डीएफओ और रेंजर को सस्पेंड किया जाए।
- वन विभाग में कार्मिकों का डेपुटेशन निरस्त किया जाए।
- एक कमेटी गठित कर हिरण शिकार मामले की जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- अभियान चलाकर अवैध बंदूकें जब्त की जाएं।
सूरतगढ़ उपखंड में 1397 हिरण-चिंकारा
वन विभाग के रेंजर पवन बिश्नोई ने बताया कि सूरतगढ़ उपखंड में वन विभाग की दो रेंज आती हैं, जिनमें एक सूरतगढ़ और दूसरी बिरधवाल रेंज हैं। 24 मई 2024 की गणना के मुताबिक इनमें कुल 1397 हिरण-चिंकारा हैं।
रेंज | हिरण | चिंकारा |
सूरतगढ़ | 288 | 781 |
बिरधवाल | 00 | 328 |