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रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल में किया ‘नाटक’:ऑपरेशन टले, ओपीडी आधी रह गई; बोले- हम भगवान नहीं, इंसान रहने दो


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रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल में किया ‘नाटक’:ऑपरेशन टले, ओपीडी आधी रह गई; बोले- हम भगवान नहीं, इंसान रहने दो

रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल में किया 'नाटक':ऑपरेशन टले, ओपीडी आधी रह गई; बोले- हम भगवान नहीं, इंसान रहने दो

जयपुर : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। भीलवाड़ा में रेजिडेंट डॉक्टरों ने OPD में नुक्कड़ नाटक किया। कोटा में हड़ताल के चलते 50 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिए गए। बाड़मेर में रेजिडेंट्स ने हवन किया। रेजिडेंट्स की हड़ताल के चलते ओपीडी आधी ही रह गई है। मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।

शहर-शहर में डॉक्टर कैंडल मार्च निकाल रहे हैं। धरने दे रहे हैं। कार्य बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

आइये जानते हैं राजस्थान में क्या है डॉक्टर्स के विरोध प्रदर्शन के कारण चिकित्सा व्यवस्था के हालात…

कोटा के जिला हॉस्पिटल में इलाज के लिए स्ट्रेचर पर इंतजार करती बुजुर्ग महिला मरीज।
कोटा के जिला हॉस्पिटल में इलाज के लिए स्ट्रेचर पर इंतजार करती बुजुर्ग महिला मरीज।

कोटा में अस्पतालों की ओपीडी 50 फीसदी रह गई
कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर कार्य बहिष्कार पर है। यहां मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी सरकारी हॉस्पिटल में 50 से ज्यादा रूटीन ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं। कोटा के एमबीएस, जेके लोन, न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, एसएसबी, रामपुरा जिला हॉस्पिटल में ओपीडी घटकर 50 फीसदी रह गई है।

750 बेड के एमबीएस हॉस्पिटल की ओपीडी में सामान्य दिनों में 3000 तक मरीज आते हैं। हड़ताल के चलते यह 800 से 1000 के बीच रह गई है। वहीं 492 बेड के न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी सामान्य दिनों में जहां 4000 तक रहती थी, वहां अब ओपीडी 1000 से 1200 के बीच ही रह गई है।

कोटा के जिला हॉस्पिटल में मंगलवार को ओपीडी में मरीजों की कतार। रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कोटा के जिला हॉस्पिटल में मंगलवार को ओपीडी में मरीजों की कतार। रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल के चलते सरकारी हॉस्पिटल में मरीज में कम ही आ रहे हैं। हॉस्पिटल में लाइफ सेविंग ऑपरेशन ही किए जा रहे हैं। इनमें सिजेरियन ऑपरेशन शामिल है। वहीं रूटीन ऑपरेशन वाले मरीजों को आगे की तारीख दी जा रही है।

हॉस्पिटल की ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स, सेवारत डॉक्टर्स सेवाएं दे रहे हैं। कोटा में 600 रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ साथ सीनियर रेजिडेंट और इंटर्न भी हड़ताल पर है। ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी है।

बाड़मेर में 7वें दिन भी धरना-प्रदर्शन, रेजिडेंट डॉक्टर्स ने किया हवन
बाड़मेर हॉस्पिटल में 7वें दिन भी डॉक्टर्स का धरना-प्रदर्शन जारी है। जिले में 27 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है। हालांकि हॉस्पिटल प्रशासन ने उनकी जगह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को लगाया है। हॉस्पिटल में ओपीडी में कोई फर्क नहीं पड़ा है, रोजाना 3000 के आसपास ओपीडी हो रही है।

बाड़मेर के जिला अस्पताल में हवन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स।
बाड़मेर के जिला अस्पताल में हवन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स।

पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा-रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से ऑपरेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। रेजिडेंट डॉक्टरों को बुलाकर बात करेंगे। हमारे स्तर की कोई समस्या होगी तो उसका समाधान कर दिया जाएगा।

हड़ताल और हवन में शामिल रेजिडेंट डॉक्टर संस्कृति शर्मा।
हड़ताल और हवन में शामिल रेजिडेंट डॉक्टर संस्कृति शर्मा।

बाड़मेर में मंगलवार को हड़ताल में शामिल रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हवन किया। इस दौरान जूनियर डॉक्टर संस्कृति शर्मा ने कहा- लोगों को जागरूक करने के लिए हम रोजाना कुछ न कुछ एक्टिविटी कर रहे हैं। आंदोलन का उद्देश्य जागरूकता लाना है। इसीलिए हवन कर रहे हैं। कानून का दरवाजा खटखटा चुके हैं। सरकार में कोई सुन नहीं रहा।

अब भगवान से अरदास कर लें। भगवान का ही सहारा है। कोलकाता में हमारी बहन के साथ जो कुछ हुआ, अमानवीय था। वह डॉक्टर नहीं, लड़की भी थी। वहां की सरकार सच्चाई बाहर नहीं लाना चाहती। जानकारी छुपाई जा रही है।

यह पश्चिम बंगाल की सरकार का फेल्योर है। अगर सरकार टस से मस नहीं रही तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे। सरकार अच्छा एक्शन लेगी तो हम ड्यूटी पर लौट जाएंगे। फिलहाल इमरजेंसी चालू है। सीनियर डॉक्टर ओपीडी देख रहे हैं। सिर्फ हम रेजिडेंट्स ही हड़ताल पर हैं।

भीलवाड़ा में OPD में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने किया नुक्कड़ नाटक
भीलवाड़ा में 12 दिन से रेजिडेंट डॉक्टर्स की स्ट्राइक चल रही है। यहां महात्मा गांधी हॉस्पिटल के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर 9 अगस्त से नो सेफ्टी, नो वर्क अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को महात्मा गांधी हॉस्पिटल की ओपीडी में जाकर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने नुक्कड़ नाटक किया।

भीलवाड़ा जिला हॉस्पिटल की ओपीडी में नुक्कड़ नाटक करते रेजिडेंट डॉक्टर्स।
भीलवाड़ा जिला हॉस्पिटल की ओपीडी में नुक्कड़ नाटक करते रेजिडेंट डॉक्टर्स।

नाटक के जरिए डॉक्टरों की पीड़ा को दर्शाया
रेजिडेंट डॉक्टर इशांत बंसल ने बताया- स्ट्राइक से मेडिकल सेवाएं प्रभावित हो रही है। आम जनता पर असर पड़ रहा है। डॉक्टर्स की भी क्या गलती है। हम काम पर लौट आएं तो 2 दिन में लोग सब लोग भूल जाएंगे। आंदोलन का मकसद ये बताना है कि डॉक्टर्स के साथ कुछ गलत हो रहा है। सरकार कठोर कदम नहीं उठा रही है। तीन-चार हजार लोग रेपिस्ट को बचाने के लिए डॉक्टर्स से लड़ रहे हैं। ऐसी आजादी हमें क्यों चाहिए। लोग हमें भगवान कहते हैं, ऐसा भगवान हमें नहीं बनना। हमें इंसान की तरह ट्रीट कीजिए।

नाटक के जरिए डॉक्टर्स ने महिला सुरक्षा और डॉक्टरों की सुरक्षा का मैसेज दिया।
नाटक के जरिए डॉक्टर्स ने महिला सुरक्षा और डॉक्टरों की सुरक्षा का मैसेज दिया।

जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग
राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन( ​​​​​आरडीए) के अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने बताया- आज हम सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने जनता के बीच जाकर एक नाटक का मंचन कर उन्हें बताने का प्रयास किया है कि डॉक्टर किन मुसीबतों में काम करते हैं। हम संदेश देना चाह रहे हैं कि यह जो घटना हमारे साथ हुई है, उसको जल्द से जल्द न्याय दिलवाया जाए।

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