ओवरटेक करते संतुलन बिगड़ा, सड़क से उतर गड्ढ़े में फंसी बच्चों से भरी स्कूल बस
गिरते गिरते बची बस, ग्रामीणों के टोकने पर स्कूल संचालक ने दी पुलिस बुलाने की धमकी

बुहाना : माजरी गांव से पचेरी की ओर आ रही बच्चों से भरी स्कूल बस सामने चल रही गाड़ी को ओवरटेक करते समय संतुलन बिगड़ने से सड़क से उतर कर एक गड्ढे में फंस गई। गनीमत रही कि बस गड्ढे में फंसने से रुक गई इससे बड़ा हादसा टल गया। हादसे के दौरान बच्चों के चिल्लाना सुनकर वहां काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए।
जानकारी के अनुसार पचेरीकलां के उमराव सिंह आर्य एजुकेशन ग्रुप द्वारा संचालित सोनी देवी इंटरनेशनल स्कूल की बस सुबह बच्चों को लेकर स्कूल आ रही थी। इस दौरान चालक ने सामने से चल रही गाड़ी को ओवरटेक करने का प्रयास किया। इससे बस का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क से उतर कर वहीं किनारे बने गड्ढ़े में फंसकर रुक गई। डर के मारे बच्चों के चिल्लाने की आवाजें सुनकर ग्रामीण एकत्र हो गए और बच्चों को बस से बाहर निकाला। ग्रामीणों ने स्कूल बस के चालक को इस तरह की लापरवाही नहीं बरतने को कहा।
इस मौके पर ग्रामीणों ने बस की हालत देखकर चालक से बस का फिटनेस प्रमाण पत्र व पीयूसी आदि दिखाने को कहा।
इस दौरान स्कूल डायरेक्टर संदीप यादव भी वहां पहुंच गया और ग्रामीणों को धमकी देते हुए कहा कि आपको यह सब देखने पूछने का अधिकार नहीं है। संदीप ने ग्रामीणों को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। स्कूल निदेशक संदीप यादव का ऐसा एक विडियो भी वायरल हो रहा है।
बारिश की वजह से बिगड़ा संतुलन : इधर स्कूल निदेशक संदीप यादव का कहना है कि बारिश का मौसम होने से स्कूल बस का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क से नीचे उतरकर बस गड्ढे में चली गई। इससे बच्चों को परेशानी हुई। जो लोग स्कूल बस को लेकर कहासुनी कर रहे हैं उनका स्कूल से कोई लेना देना नहीं है। बच्चों को बाद में दूसरी बस से स्कूल पहुंचा दिया गया था।
बस के टायरों की हालत खराब, फिटनेस भी नहीं है : ग्रामीणों ने स्कूल बस चालक की लापरवाही व बस की खराब हालत पर सवाल उठाए तो स्कूल निदेशक उनसे उलझते हुए धमकी देने लगा कि ग्रामीणों को बस रुकवाने का कोई अधिकार नहीं है। ग्रामीणों का कहना था कि बस के टायरों की हालत इतनी खराब है कि ये कभी भी फट सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है। एम परिवहन एप पर देखने से पता चला कि स्कूल बस की फिटनेस 24 नवंबर 2017 को ही खत्म हो चुकी है। स्कूल फीस के रूप में मोटी रकम अभिभावकों से वसूल कर उनके व उनके बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।