बड़ागांव : झुंझुनू जिले के बड़ागांव कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में चिकित्सकों के पांच पद स्वीकृत होने के बावजूद भी ग्रामीणों को इलाज व जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कारण कि स्वीकृत पांच में से दो पद रिक्त हैं। डॉक्टर पूनम बुडानिया को डेपुटेशन पर जिला मुख्यालय पर बीडीके अस्पताल में लगा रखा है तथा महिला चिकित्सक मुस्कान छुट्टी पर चल रही हैं । ऐसे में यह सीएचसी मात्र एक डॉक्टर पंकज गोरा के भरोसे है । उल्लेखनीय है कि स्टेट हाईवे होने के अलावा यह सीएचसी बड़ागांव समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है ।
इसके बावजूद भी मरीजों को यहां पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है ।इसके चलते ग्रामीणों को मजबूरन झुंझुनू व गुढ़ा गौड़जी जाना पड़ रहा है । पंचायत समिति सदस्य दीपेंद्र सिंह शेखावत नै कहा इससे पहले कांग्रेस गवर्नमेंट में पांच डॉक्टर नियुक्त थे सभी सेवा दे रहे थे अब बीजेपी गवर्नमेंट है देखो आगे की क्या होता है सीएचसी में रोजाना 225 से ज्यादा की ओपीडी रहती है जिसे डॉक्टर पंकज गोरा सेवा दे रहे हैं । साथ ही उनके पास सीएससी प्रभारी का चार्ज भी है। महिला चिकित्सक नहीं होने से महिला मरीजों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है ।
बड़ागांव पीएचसी 2013 में सीएससी में क्रमोन्नत तो हो गई लेकिन वैसी सुविधाएं यहां नहीं मिल पा रही हैं । ग्रामीणों के मुताबिक करीब 15 हजार से ज्यादा की आबादी के बावजूद भी सीएचसी में आवश्यक सुविधाओं की कमी है। एक्स-रे मशीन नहीं होने से क्षेत्र के मरीजों समेत दुर्घटना में घायलों को भी जिला अस्पताल ही रेफर करना पड़ता है। साथ ही यहां एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है chmo छोटे लाल गुर्जर ने कहा अभी डॉक्टर की कोई व्यवस्था नहीं हो सकती इसके लिए 1 महीने का टाइम लगेगा इमरजेंसी सेवा के लिए एक डॉक्टर और लगाओ उन्होंने कहा अभी व्यवस्था नहीं हो सकती यह हालत है अपने चिकित्सा विभाग की अस्पताल में जगह-जगह से पानी टपक रहा है अस्पताल की हालत जर्जर हो रही है।
देवसेना के प्रदेश सचिव धर्मपाल गुर्जर से बात की उन्होंने कहा अगर जल्द ही डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होती है तो देवसेना अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी एक तरफ हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं है दूसरी तरफ अस्पताल की हालात जर्जर हो रही है, कैसे होगी अस्पताल की व्यवस्था इससे हांसलसर, सीथल, नाटास, शिवनाथपुरा, नंगली गुर्जरान, रामनगर, केसरीपुरा, दोरासर, चारणवास, बजावा, हमीरवास, बड़ागांव, सैनीपुरा, मालसर, बिशनपुरा, खींवासर आदि इन गांवों के मरीजों को परेशानी हो रही है।