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खेतों में काम करके बनीं JLO:आटा-चक्की चलाई; बेटी के लिए मां ने खेतों में काम किया


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खेतों में काम करके बनीं JLO:आटा-चक्की चलाई; बेटी के लिए मां ने खेतों में काम किया

खेतों में काम करके बनीं JLO:आटा-चक्की चलाई; बेटी के लिए मां ने खेतों में काम किया

जालोर : राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से कनिष्ठ विधि अधिकारी (विधि एवं विधिक कार्य विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2023 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस रिजल्ट में जालोर जिले के आहोर की रहने वाली सीमा प्रजापत 7वीं रैंक लेकर आई है। सीमा की मां को अपनी बेटी के लिए मजदूरी करना पड़ा। सीमा ने प्राइवेट नौकरी कर एलएलबी की फीस भरी। मां ने सीमा को जयपुर में पढ़ाने के लिए खेतों में काम किया। इसी तरह पुुष्कर के भागचंद की 39वीं रैंक आई है और वे 9 साल से तैयारी कर रहे थे। जयपुर के 45 साल के केडी चारण ने भी इस परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की है।

पढ़िए सीमा के संघर्ष की कहानी: बेटी के लिए मां ने मजदूरी की, पिता कमठा मजदूर

सीमा जालोर जिले के आहोर की रहने वाली हैं। सीमा ने बताया- मेरे आरजेएस एग्जाम देने के बाद सिलेक्शन नहीं हुआ था। इसके बाद जेएलओ की तैयारी की।

सीमा जालोर जिले के आहोर की रहने वाली हैं। पिता मजदूरी करते हैं और बेटी को पढ़ाने के लिए मां ने खेतों में काम किया।
सीमा जालोर जिले के आहोर की रहने वाली हैं। पिता मजदूरी करते हैं और बेटी को पढ़ाने के लिए मां ने खेतों में काम किया।

मैंने जयपुर में पढ़ाई शुरू की। मेरी मां ने खेतों में काम शुरू किया। मां को जो रुपए मिलते थे, उससे मेरा जयपुर में रहने का खर्चा चलता था।

सीमा प्रजापत ने 9 साल प्राइवेट स्कूल और बैंक में काम किया और इसी सैलरी से एलएलबी की फीस भरी।
सीमा प्रजापत ने 9 साल प्राइवेट स्कूल और बैंक में काम किया और इसी सैलरी से एलएलबी की फीस भरी।

9 साल प्राइवेट नौकरी कर एलएलबी की फीस भरी

सीमा ने बताया कि मेरी शुरुआती पढ़ाई आहोर गांव से हुई है। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई आहोर के ही सरकारी स्कूल से हुई है। बीए और एमए प्राइवेट किया है। इसके साथ-साथ जॉब भी की। मैंने MA पॉलिटिकल साइंस (52%) में किया है। साल 2019 में जेएलओ से शुरुआत की थी। इसके बाद आरजेएस का एग्जाम भी दिया। नवंबर 2023 में जेएलओ के एग्जाम दिए थे।

सीमा ने बताया कि यहां तक का संघर्ष इतना आसान नहीं था। पिता छोगाराम मकान बनाने के कारीगर हैं। मेरी मम्मी ने मेरे लिए खेतों में काम किया। मैंने बीए से लेकर एमए तक की पढ़ाई में जॉब की। साल 2011 से मैंने जॉब शुरू कर दी थी। सबसे पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी। इसके बाद को-ऑपरेटिव सोसायटी को जॉइन किया। वहां पर दो साल तक काम किया। इनसे जो मेरी सेविंग हुई मैंने एएलबी की पढ़ाई पूरी की।

सीमा प्रजापत।
सीमा प्रजापत।

सीमा चार भाई-बहन, एक भाई का हुआ देहांत

सीमा प्रजापत के बड़े भाई मूलाराम आहोर में मेडिकल की दुकान चलाते हैं। एक भाई नारायण थे, जिनका 2012 में देहांत हो गया। सबसे छोटी बहन रणोता है, जिसने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। सीमा ने बताया कि पढ़ाई के दौरान मोबाइल का यूज काफी कम किया। केवल वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर कनेक्ट रहती थी ताकि पढ़ाई से जुड़े नोट्स मिल जाएं। जेएलओ की तैयारी के दौरान इंस्टाग्राम और फेसबुक से दूरी बनाकर रखी।

भागचंद का सिलेक्शन होने पर परिवार के लोगों ने माला पहनाकर स्वागत किया।
भागचंद का सिलेक्शन होने पर परिवार के लोगों ने माला पहनाकर स्वागत किया।

पुष्कर के भागचंद की 39वीं रैंक, 9 साल से कर रहे थे तैयारी

पुष्कर के पास रहने वाले बासेली गांव के भागचंद पंवार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित कनिष्ठ विधि अधिकारी प्रतियोगी परीक्षा 2023 में 39वीं रैंक हासिल की है। भागचंद के पिता दीनदयाल पुष्कर सब्जी मंडी में दुकान चलाते हैं। भागचंद पवार ने बताया कि वह पिछले 9 साल (2015) से इस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। यह उनका दूसरा प्रयास था। वह रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई करते थे।

12वीं में पिता का निधन, पढ़ाई छोड़नी पड़ी

कुमरे दान चारण जैसलमेर जिले के पोकरण के रहने वाले हैं। शुरुआती शिक्षा पोकरण के सरकारी स्कूल से ही हुई।

केडी चारण ने बताया कि वे किसान परिवार से आते हैं। 12वीं क्लास में थे, तब पिता बाबूदान चारण का 1999 में निधन हो गया था।

केडी चारण को दो बार पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी।
केडी चारण को दो बार पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी।

ग्रेजुएशन के बीच करवा दी शादी, दोबारा पढ़ाई छोड़ी

कुमेर दान चारण ने बताया कि जब उन्होंने कॉलेज में ए​डमिशन ​लिया तो 2001 में परिवार ने उनकी शादी हवा कंवर से करवा दी। 2002 में कॉलेज की पढ़ाई एक बार फिर छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने गांव में खेती करनी शुरू कर दी।

2005 में बेटा हुआ और परिवार को पालने के लिए आटा चक्की की दुकान शुरू की। परिवार में इनकम सोर्स बढ़े इसलिए नरेगा में भी काम किया। यहां एक दिन के 60 रुपए मिलते थे। इस दौरान लगने लगा कि अब दोबारा पढ़ाई शुरू करनी पड़ेगी। 2007 में दोबारा जोधपुर के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में एलएलबी में एडमिशन लिया।

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