मजदूर बनकर पुलिस ने 12साल पुराने का मर्डर किया खुलासा:फलोदी के सट्टा बाजार और सोजत की मेहंदी से आरोपियों को पहचाना
मजदूर बनकर पुलिस ने 12साल पुराने का मर्डर किया खुलासा:फलोदी के सट्टा बाजार और सोजत की मेहंदी से आरोपियों को पहचाना

जोधपुर : 12 साल से फरार चल रहे हत्या के तीन आरोपियों को पुलिस ने तेलंगाना और बिहार से गिरफ्तार किया है। इनमें दो सगे भाई हैं और एक चाचा का लड़का है।
आरोपियों ने फलोदी के खींचन स्थित फैक्ट्री में एक मुनीम की हत्या कर दी थी। पुलिस को मामले में दो महीने पहले एक इनपुट मिला, जिस पर जोधपुर पुलिस बिहार और तेलंगाना पहुंची। पुलिस वाले नारियल पानी, दूध बेचने वाले और मजदूर बनकर इन आरोपियों तक पहुंचे। इस बीच जब इन आरोपियों ने फलोदी सट्टा बाजार और सोजत मेहंदी को लेकर जिक्र किया तो पुलिस को संदेह हुआ और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस बुधवार सुबह इन तीनों आरोपियों को लेकर जोधपुर पहुंची। इस ऑपरेशन को ‘लल्लनटॉप’ नाम दिया गया। 12 लोगों की टीम ने 2 महीने की मशक्कत के बाद इन आरोपियों को पकड़ा।

पुलिस ने इस तरह चलाया ऑपरेशन लल्लनटॉप
रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि 10 दिसंबर 2012 को फलोदी के खींचन में बिहार के मुजफ्फुर जिले में काठी थाना क्षेत्र निवासी लाल देव, नरेश और उदय ने सोनामुखी की फैक्ट्री में एक मुनीम की हत्या कर दी थी। तीनों आरोपी इसी फैक्ट्री में 1 महीने से काम कर रहे थे। तीनों ने मुनीम कोजाराम की हत्या कर डेढ़ लाख रुपए लेकर फरार हो गए थे।
दो दिन बाद जब कोजाराम का फैक्ट्री के पास बोरी में शव मिला तो पता चला कि लाल देव, नरेश और उदय हत्या के बाद से फरार हैं। इनमें लाल देव और नरेश सगे भाई हैं। जबकि उदय चाचा का लड़का है।
हत्याकांड के बाद से इन तीनों का कोई सुराग नहीं था। दो महीने पहले जब रेंज में स्पेशल टीम बनाई तो फाइल को री-ओपन किया गया। पुलिस के पास केवल ये इनपुट था कि तीनों बिहार के रहने वाले है। इस पर टीम को दोबारा वहां भेजा लेकिन काेई नहीं मिला।
इसी बीच एक महीने पहले ये इनपुट मिला कि लाल देव और नरेश की मां का देहांत हो चुका है हो सकता है कि ये तीनों आरोपी यहां आएं। इस पर टीम को बिहार इनके घर भेजा गया।

बिहार से तीनों के पंजाब, तेलंगाना और फिर बिहार का इनपुट मिला
रेंज आईजी ने बताया कि टीम वहां पहुंची तो तीनों आरोपी वहां नहीं मिले। घर में मातम के बीच एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया, जो इनके घर का सारा खर्च उठा रहा था। टीम ने उस व्यक्ति की जानकारी लेकर उसके बैंक अकाउंट को खंगाला। सामने आया कि उसके अकाउंट में पंजाब, तेलंगाना और बिहार से पैसे आ रहे हैं।
इसके बाद 12 लोगों की टीम बनाकर इन तीन जगह पर भेजा गया। आखिर में इनपुट मिला कि लाल देव और नरेश तेलंगाना में हैं और उदय बिहार में है। रेंज आईजी ने बताया कि टीम के पास फोटो नहीं थे तो इन आरोपियों की तलाशी के लिए तेलंगाना में सब इंस्पेक्टर प्रमीत चौहान नारियल पानी वाला, कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल पशुपालक और चारे वाला, हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार दूध वाला और बिहार में कॉन्स्टेबल नगाराम ईंट भट्टे पर मजूदर बनकर रेकी की।

लाल देव फलोदी सट्टे बाजार से पकड़ में आया
जोधपुर पुलिस को इनपुट मिला कि लाल देव और नरेश तेलंगाना के श्वारा ओपेठा जिला कोठे गुडम के विनायपुर गांव में मजदूरी कर रहे हैं। इस पर हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार दूध वाला और कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल पशु पालक और चारे वाला बने और दोनों आरोपियों तक पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में मजदूर थे तो दोनों का पता लगाना मुश्किल था।
इस पर मजदूरों के बीच दोनों पुलिस वाले पहुंचे। यहां हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र कुमार ने चुनाव पर बात छेड़ी और पूछा इस बार कौन जीतेगा। इतने में लाल देव बोला कि फलोदी में सट्टा लगता है। इस पर जब उससे पूछा गया कि फलोदी कहां है ? तब लाल देव ने बता दिया कि जोधपुर के पास।
नरेश सोजत की मेहंदी से पकड़ में आया
कुछ मजदूर बालों में कलर करवा रहे थे। यहां कॉन्स्टेबल महेंद्र उज्जवल ने पूछा कि डाई क्यों करवा रहे हो मेहंदी लगाओ। तभी उनमें से एक ने बोला कि मेहंदी में भी केमिकल होता है। इनके बीच में नरेश भी था। तभी नरेश बोला कि सोजत की मेहंदी अच्छी है। इस पर पुलिस को शक हो गया कि दूसरा आरोपी ये ही है।
पुलिस ने दोनों के फोटो लेकर फलोदी फैक्ट्री में भेजे, जहां मुनीम की हत्या हुई थी। यहां से पता चला कि ये दोनों ही आरोपी हैं। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं तीसरा आरोपी बिहार के पटना जिले के बिहट्टा में था। यहां पर कॉन्स्टेबल नगाराम ईंट भट्टे पर मजदूरी कर तीसरे आरोपी तक पहुंचे और टीम को इनपुट दिया कि उदय एक बिल्डिंग में सरिया का काम करता है। पुलिस वहां पहुंची तो दो मजदूर थे, जो सरिया का काम कर रहे थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उदय ने बताया कि तीसरा आरोपी वो खुद है।



मां के अत्याचार से परेशान होकर सीधे फलोदी आए थे
आरोपी लाल देव और नरेश ने बताया कि वे दोनों सगे भाई है। बचपन में पिता की मौत हो गई थी। उदय चाचा का लड़का है। उदय के पिता ने दूसरी शादी की थी। तीनों एक ही घर में रहते थे लेकिन, उदय की सौतेली मां काफी परेशान करती थी और तीनों की पिटाई करती थी।
तीनों उसके अत्याचार से परेशान होकर गांव से भाग गए और सीधे फलोदी पहुंचे। यहां सोनामुखी की फैक्ट्री में एक महीने तक काम किया। इसी बीच उन्हें पता चला कि मुनीम कोजाराम के पास काफी कैश रहता है। पैसे के लिए मुनीम के मर्डर का प्लान बनाया।
तीनों मर्डर के बाद जोधपुर से दिल्ली आए और वहां से बिहार चले गए। इस बीच पुलिस को कई बार इनपुट मिला कि वे बिहार में अपने गांव आए हैं लेकिन दबिश के दौरान वे नहीं मिले।

नाम और लोकेशन पर नाम पड़ा ऑपरेशन ‘लल्लनटॉप’
तीनों आरोपी खींचन में हत्या कर फरार होने के बाद अब तब एक दर्जन से अधिक वारदात को अंजाम दे चुके हैं। इनमें हत्या, लूट, ठगी नक्सलियों के लिए पैसे वसूलना आदि है। इन आरोपियों के दाे अन्य भाइयों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
रेंज आईजी ने इस ऑपरेशन के लल्लनटॉप नाम के पीछे की कहानी भी बताई। आईजी ने बताया कि तीन आरोपी में लाल देव, उदय व नरेश तीनों के नाम की पहला एल्फाबेट और जहां इनको पकड़ने के लिए कार्रवाई चल रही थी, वह तेलंगाना, ओडिशा व पंजाब। था इन शहरों के नाम का पहला अक्षर लिया और सभी को मिलाकर ऑपरेशन का नाम ‘लल्लनटॉप’ रखा।