प्रदेश में नई तबादला नीति की तैयारी:5-7 साल होते ही बदल जाएगा शिक्षक का स्कूल; 3 सरकारों का टर्म गुजरा, फिर भी नहीं बन पाई ट्रांसफर पॉलिसी
प्रदेश में नई तबादला नीति की तैयारी:5-7 साल होते ही बदल जाएगा शिक्षक का स्कूल; 3 सरकारों का टर्म गुजरा, फिर भी नहीं बन पाई ट्रांसफर पॉलिसी

उदयपुर : प्रदेश में हरियाणा और ओडिशा की तरह शिक्षकों की तबादला नीति बनाने की तैयारी है। हरियाणा में शिक्षक 5 और ओडिशा में 7 साल में दूसरे स्कूलों के लिए ट्रांसफर हो जाते हैं। अवधि पूरी होने पर यह प्रक्रिया ऑटो अपडेट-जनरेट हो जाती है। विभाग इस नीति का प्रस्ताव जुलाई-अगस्त तक मंत्रिमंडलीय उप समिति में सामने पेश करेगा। अप्रूवल पर सरकार लागू करेगी।
यह जानकारी विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने दी। शासन सचिव सोमवार को दौरे पर उदयपुर आए थे। हमारे मीडिया कर्मी से बातचीत में उन्होंने दावा किया की नई पॉलिसी से तबादलों में पारदर्शिता रहेगी और 95 प्रतिशत शिक्षक संतुष्ट होंगे। हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि पॉलिसी के मापदंड क्या क्या हांेगे और किस वर्ग के शिक्षकों को राहत मिलेगी?
शासन सचिव ने बताया कि पॉलिसी से जुड़ी प्रक्रिया 6 से 9 माह में पूरी होगी। ऐसे में संभावना है कि अगले ग्रीष्मावकाश या फिर दिवाली अवकाश के दौरान शिक्षकों को तबादला नीति की सौगात मिल जाए। बता दें, साल 2017-18 में अंतिम बार वसुंधरा राजे सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले के किए थे। फिर गहलोत सरकार ने इन पर बैन लगा दिया था।
पॉलिसी बनाने के लिए अब तक 3 बार प्रयास, नतीजा जीरो
साल 2007-08 में तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने पहली बार ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर तत्कालीन केबिनेट मंत्री गुलाबचंद कटारिया की अगुवाई में कमेटी बनाई थी। तीन बैठकें होने के बाद कमेटी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। ऐसे में न तो पॉलिसी बनी और न ही शिक्षकों को राहत मिली थी। इसके बाद राजे के दूसरे टर्म में फिर से प्रयास हुए। तब सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक ओंकार सिंह की अगुवाई में कमेटी बनी। इस कमेटी ने देश के कई राज्यों की स्थानांतरण नीतियों का अध्ययन कर सरकार बदलने के बाद 2021 में अशोक गहलोत सरकार को रिपोर्ट दी थी। तीसरा प्रयास गहलोत सरकार ने भी किया था, लेकिन कुछ विधायकों ने विरोध कर दिया। इस कारण मामला पेंडिंग हो गया।
हरियाणा में अधिकतम 5 साल ही एक स्कूल में रहता है शिक्षक, आसार- डिजायर पॉलिसी बंद होगी
हरियाणा में शिक्षक अधिकतम 5 साल तक ही किसी स्कूल में रहता है। इसके बाद उसका स्वत: ट्रांसफर हो जाता है। इसके लिए बने सिस्टम में 5 साल पूरे होने वाले शिक्षकों की लिस्ट तैयार हो जाती है। उस सूची के आधार पर शिक्षकों विकल्प देते हैं। हालांकि इसमें दिव्यांग, विशेष श्रेणी वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को कुछ राहत भी दी जाती है। पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि जैसा शासन सचिव बता रहे हैं, उस आधार पर ट्रांसफर होते हैं तो शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।
पारदर्शितापूर्ण ट्रांसफर हो सकेंगे। मामले का दूसरा पहले ये भी है कि यदि सरकार ने पॉलिसी बना कर ट्रांसफर शुरू किए तो विधायकों और राजनीतिक दलों की डिजायर पॉलिसी खत्म हो जाएगी। क्योंकि अब तक जो भी ट्रांसफर हुए हैं, वे विधायक या सत्ताधारी दल के नेताओं की सिफारिशों से ही हुए हैं। दबी जुबान से यह भी कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग सबसे बड़ा महकमा है। इसमें सीधे पोर्टल बेस तबादले होंगे तो विधायकों को पूछेगा कौन? इसी वजह थी कि गहलोत सरकार में कई विधायक पॉलिसी के खिलाफ थे।