नीट में डमी कैंडिडेट बैठाने का मामला:जेएलएन का रविकांत ही मास्टर माइंड, अपनी जगह सहपाठी को सप्लीमेंट्री में बैठाने पर तीन साल के लिए हुआ डिबार
नीट में डमी कैंडिडेट बैठाने का मामला:जेएलएन का रविकांत ही मास्टर माइंड, अपनी जगह सहपाठी को सप्लीमेंट्री में बैठाने पर तीन साल के लिए हुआ डिबार

अजमेर : नीट परीक्षा डमी कैंडिडेट मामले में जेएलएन मेडिकल काॅलेज एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र दौसा निवासी रविकांत पुत्र रामखिलाड़ी ही मास्टर माइंड के रूप में सामने आया है। वह 2023 में भी पकड़ा गया था। तब उसने अपनी सप्लीमेंट्री परीक्षा में सहपाठी छात्र काे बैठाया था। वो भी पकड़ा गया।
दोनों तीन साल के लिए डिबार हैं। पड़ताल में सामने आया है कि रविकांत डमी कैंडिडेट का अपना नेटवर्क बढ़ाना चाहता था। इसी कारण उसने अपने दाे सहपाठी छात्राें आमेर निवासी अमित जाट पुत्र रामखिलाड़ी व करौली निवासी अभिषेक (23) पुत्र सुरेश जिंदल काे इस काम के लिए राजी किया।
साेमवार काे काॅलेज प्रशासन ने फाइलें निकाली ताे मामला सामने अाया। परीक्षा का साैदा रविकांत ने ही अपने दाेस्त दयाराम के जरिए 10 लाख में किया था। रविकांत ही भरतपुर के मास्टर आदित्येंद्र स्कूल में नीट की परीक्षा वाले सेंटर पर दाैसा निवासी राहुल गुर्जर (20) पुत्र अमर सिंह की जगह अपने दाेस्त करौली निवासी डमी कैंडिडेट अभिषेक (23) पुत्र सुरेश जिंदल काे परीक्षा दिलाने लेकर गया था।
रविकांत के दाे विषयाें में सप्लीमेंट्री थी, प्रवेश पत्र में 10वीं कक्षा वाली फाेटाे लगाई, इसी से पकड़ा गया
रविकांत के दाे पेपर में सप्लीमेंट्री आई थी। एनाटाॅमी द्वितीय सप्लीमेंट्री की परीक्षा के पेपर में उसने अपनी जगह सहपाठी विमल कुलदीप काे परीक्षार्थी बनाकर बैठा दिया। किसी काे शक नहीं हाे इसके लिए प्रवेश पत्र पर रविकांत ने दसवीं कक्षा की फाेटाे लगा दी। लेकिन परीक्षा कराने वाली टीम को इस फोटो से ही शक हुआ।
पकड़ने के लिए टीम ने उसके माेबाइल नंबर पर फाेन किया। जब रविकांत पेपर दे रहा है ताे माेबाइल उसके पास नहीं हाेना चाहिए था, लेकिन उसने रिसीव कर लिया। टीम ने दाेनाें काे पकड़कर आरयूएचएस काे सूचना दी। रविकांत और विमल कुलदीप काे तीन साल के लिए डिबार कर दिया। इस कारण एक विषय की सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं दे पाया। रविकांत काे 2023 में तीन साल के लिए डिबार किया। 2026 में शेष पेपर की परीक्षा देने के लिए वह अधिकृत है।