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होली विशेष : बता रहे है ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर…


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आर्टिकल

होली विशेष : बता रहे है ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर…

होली विशेष : अधिकतर लोग पूजा करने के बाद अपने मस्तक पर भस्म का तिलक लगाते हैं, होली पर भी होलिका दहन के बाद जो भस्म वहां से लाई जाती है, अधिकतर घरों में लोग उसका तिलक करते हैं। आखिर क्यों माथे पर भस्म लगाई जाती है। इससे क्या लाभ होता है आइए आपको बताते हैं इसके बारे में….तथा राशिअनुसार कौनसे रंगों का करें प्रयोग , ओर भी उपाय बता रहें हैं ज्योतिष आचार्य अभिमन्यू पाराशर…

मस्तक पर हवन, यज्ञ या पूजा की गई भस्म ही लगाई जाती है, होली की अग्नि में घी और अन्य औषधीय पदार्थ डाले जाते हैं। इसी कारण ये भस्म बहुत लाभदायक होती है और इसे माथे पर लगाने से बुद्धि बढ़ती है।
भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्वव्य सोख लेने की क्षमता होती है, शरीर के संधि, कपाल, छाती के दोनों हिस्से तथा पीठ आदि पर भस्म लेपन करने से कई तरह के चर्म रोग नहीं होते हैं।

शरीर पर भस्म लगाते समय पारंपरिक विविध मंत्रों का उच्चारण भी किया जाता है, भस्म हाथ पर लेकर थोड़ा गीला करके तर्जनी, मध्यमा और अनामिका अंगुलियों से लगाएं ये तीनों अगुंलियां पितृ, आत्म और देव तीर्थों के रूप में मानी गई हैं।
होली की राख को तॉबे या चॉदी के ताबीज में भरकर काले धागे में बॉधकर गले में धारण करने से कभी भी नजर दोष नहीं लगता है।

जानें किस राशि के अनुसार किस रंगों से खेलें होली, किनसे करें बचाव…
होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है। परंतु कई बार खुशी का मौका गम में बदल जाता है। प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है। मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पर पड़ता है। यह मानव की मनोवृत्ति प्रभावित करता है। अनुकूल रंग मूड को बढिय़ा बना सकता है। वहीं गलत रंग आपको आपस में भिड़ा सकता है। अत: गलत रंगों से बचना चाहिए। आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं और विशेष रंग से बचें तो होली का उत्सव और रंगीन हो जाएगा।

मेष व वृश्चिक: आप लाल, केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं या लगवाएं, काले व नीले रंगों से बचें।

वृष व तुला: आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी। हरे रंगों से बचें।
मिथुन व कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल, संतरी रंगों से बचें।

कर्क: पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आसमानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले, नीले रंगों से परहेज रखें।

सिंह: पीला, नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला, ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृत्ति खराब कर सकते हैं।

धनु व मीन: राशि वालों के लिए पीला, लाल, नारंगी रंग अनुकूल है। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।

मकर व कुंभ: आप चाहे काला, नीला, ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, मस्ती रहेगी पर लाल, गुलाबी गुलाल से बचें।
कुंभ : इस राशि के व्यक्ति ब्रह्ममूहर्त में उठकर होली पूजन के उपरांत श्री राम भक्त हनुमान जी का पूजन करें तत्पश्चात होली के रंगों में रंगने के लिए हरे और सिंदूरी रंग का प्रयोग करें।
मीन : इस राशि के व्यक्ति ब्रह्ममूहर्त में उठकर होली पूजन के उपरांत बृहस्पति देव का पूजन करें तत्पश्चात होली के रंगों में रंगने के लिए पीले रंग का प्रयोग करें।

होली पर कौनसे उपाय करने से बदलेगी आपकी किस्मत जानिये वो उपाय…
होली की पूजा मुखयतः भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) को ध्यान में रखकर की जाती है। घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए।

होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए। इससे सुख- समृद्धि बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं। होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े में बांधकर काले तिल रखें। रात को जलती होली में उन्हें डाल दें। यदि पहले से ही कोई टोटका होगा तो वह भी खत्म हो जाएगा। होली दहन के समय ७ गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र दहन में डाल दें। होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोडी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूतप्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है। होली के दिन से शुरु होकर बजरंग बाण का ४० दिन तक नियमित पाठ करनें से हर मनोकामना पूर्ण होगी। यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो, तो २१ गोमती चक्र लेकर होली दहन के दिन रात्रि में शिवलिंग पर चढा दें। नवग्रह बाधा के दोष को दूर करने के लिए होली की राख से शिवलिंग की पूजा करें तथा राख मिश्रित जल से स्नान करें। होली वाले दिन किसी गरीब को भोजन अवश्य करायें। होली की रात्रि को सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर पूजा करें व भगवान से सुख – समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से बाधा निवारण होता है। यदि बुरा समय चल रहा हो, तो होली के दिन पेंडुलम वाली नई घडी पूर्वी या उत्तरी दीवार पर लगाए। परिणाम स्वयं देखे।

राहु का उपाय – एक नारियल का गोला लेकर उसमे अलसी का तेल भरकर..उसी में थोडा सा गुड डाले..फिर उस नारियल के गोले को राहू से ग्रस्त व्यक्ति अपने शारीर के अंगो से स्पर्श करवाकर जलती हुई होलिका में डाल देवे. पुरे वर्ष भर राहू से परेशानी की संभावना नहीं रहेगी।

मनोकामना की पूर्ति हेतु होली के दिन से शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच लाल पुष्प चढ़ाएं, मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी। होली की प्रातः बेलपत्र पर सफेद चंदन की बिंदी लगाकर अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चे मन से अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मंदिर में भोलेनाथ को पंचमेवा की खीर अवश्य चढ़ाएं, मनोकामना पूरी होगी।

स्वास्थ्य लाभ हेतु मृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त रोगी को छुटकारा दिलाने के लिए जौ के आटे में काले तिल एवं सरसों का तेल मिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें। यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें। व्यापार लाभ के लिए होली के दिन गुलाल के एक खुले पैकेट में एक मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर उसे नए लाल कपड़े में लाल मौली से बांधकर तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा। होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल की पूजा करके लाल कपड़े में लपेट कर दूकान में या व्यापार स्थल पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक का शुद्ध श्रीयंत्र रखें।

उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होगी। धनहानि से बचाव के लिए होली के दिन मुखय द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर द्विमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा। दुर्घटना से बचाव के लिए होलिका दहन से पूर्व पांच काली गुंजा लेकर होली की पांच परिक्रमा लगाकर अंत में होलिका की ओर पीठ करके पांचों गुन्जाओं को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर सिर के ऊपर से होली में फेंक दें। होली के दिन प्रातः उठते ही किसी ऐसे व्यक्ति से कोई वस्तु न लें, जिससे आप द्वेष रखते हों। सिर ढक कर रखें। किसी को भी अपना पहना वस्त्र या रुमाल नहीं दें। इसके अतिरिक्त इस दिन शत्रु या विरोधी से पान, इलायची, लौंग आदि न लें।

ये सारे उपाय सावधानीपूर्वक करें, दुर्घटना से बचाव होगा।आत्मरक्षा हेतु किसी को कष्ट न पहुंचाएं, किसी का बुरा न करें और न सोचें।आपकी रक्षा होगी। अगर आपके घर में कोई शारीरिक कष्टों से पीड़ित है – ओर उसको रोग छोड़ नहीं रहे है – तो 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र बीमार ब्यक्ति के शरीर से 21 बार उसार कर होली की अग्नि में डाल दे शारीरिक कष्टों से शीघ्र मुक्ति मिल जायेगी अगर बुध ग्रह आपकी कुंडली में संतान प्राप्ति में बाधा दाल रहा है तो किसी भी बच्चे वाली गरीब महिला को होली वाले दिन से शुरु कर एक महीने तक हरी- सब्जियाँ दें। माता वैष्णो-देवी से संतान की प्रार्थना करें। शीघ्र विवाह हेतु: जो युवा विवाह योग्य हैं और सर्वगुण संपन्न हैं, फिर भी शादी नहीं हो पा रही है तो यह उपाय करें। होली के दिन किसी शिव मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबूत पान, 1 साबूत सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद पीछे देखें बिना अपने घर लौट आएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। इसके साथ ही समय-समय शुभ मुहूर्त में यह उपाय किया जा सकता है। जल्दी ही विवाह के योग बन जाएंगे।

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