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पत्नी को पुलिस में भर्ती कराना चाहता था पटवारी:पेपरलीक मास्टरमाइंड ने पत्नी की जगह डमी को परीक्षा दिलाई, डमी कैंडिडेट के वसूलते 5 से 20 लाख


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पत्नी को पुलिस में भर्ती कराना चाहता था पटवारी:पेपरलीक मास्टरमाइंड ने पत्नी की जगह डमी को परीक्षा दिलाई, डमी कैंडिडेट के वसूलते 5 से 20 लाख

पत्नी को पुलिस में भर्ती कराना चाहता था पटवारी:पेपरलीक मास्टरमाइंड ने पत्नी की जगह डमी को परीक्षा दिलाई, डमी कैंडिडेट के वसूलते 5 से 20 लाख

जयपुर : जूनियर इंजीनियर (जेईएन) पेपर लीक 2020 के मामले में गिरफ्तार पटवारी हर्षवर्धन मीणा भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह सरकारी टीचर्स और अन्य कर्मचारियों को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाता था। इसी तरीके से हर्षवर्धन ने अपनी पत्नी सरिता को भी पुलिस में भर्ती कराने की कोशिश की। उसने उप-निरीक्षक-2021 की परीक्षा में पत्नी सरिता के नाम से आवेदन करवाया था।

ये एग्जाम 2022 में भीलवाड़ा में स्थित एक शिक्षण संस्थान में हुआ था। यहां पर जांच के दौरान सरिता की जगह एक डमी कैंडिडेट को एग्जाम देते हुए पकड़ा गया था। डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में एसओजी जांच कर रही है। साथ ही आरोपियों ने जिन दूसरे एग्जाम के पेपर लीक किए, उन्हें लेकर भी पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

हाथ ऊपर उठाकर दिखाते हुए पटवारी हर्षवर्धन कुमार मीणा।
हाथ ऊपर उठाकर दिखाते हुए पटवारी हर्षवर्धन कुमार मीणा।

डमी कैंडिडेट बैठाने के लिए पांच से बीस लाख रुपए
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि संविदा कर्मचारियों की परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट बैठाने के लिए पांच लाख रुपए वसूले जाते हैं। वहीं सरकारी परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने के लिए बीस लाख रुपए का भुगतान करना होता था।

इनाम घोषित होते ही पटवारी पत्नी को ले भागा नेपाल
पटवारी हर्षवर्धन कुमार मीणा पर जैसे ही पचास हजार रुपए का इनाम घोषित हुआ तो वह अपनी पत्नी सरिता को लेकर फरार हो गया। पति-पत्नी जयपुर से बस के जरिए आगरा पहुंचे थे। आगरा से गोरखपुर होते हुए सोलान बॉर्डर क्रॉस किया। उसके बाद एक होटल में ठहरे हुए थे। उनके साथ एसआई भर्ती परीक्षा में चयनित राजेंद्र कुमार यादव निवासी, कालाडे़रा चौमूं भी नेपाल में फरारी काट रहा था।

नेपाल में दलालों के जरिए ली सिम
हर्षवर्धन और राजू यादव ने नेपाल पहुंच कर सिम लेने के लिए दलालों से संपर्क साधा। दलालों के जरिए नेपाल की सिम ली। इसी सिम कार्ड के जरिए वे अपने परिचितों से कॉन्टैक्ट में रहते थे। नेपाल का सिम होने के कारण पुलिस को आरोपियों की लोकेशन पता करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था ।

एसओजी एडीजी वीके सिंह ने बताया था कि आरोपियों से अभी पूछताछ होनी बाकी है।
एसओजी एडीजी वीके सिंह ने बताया था कि आरोपियों से अभी पूछताछ होनी बाकी है।

इस तरह आरोपियों को किया गिरफ्तार
एसआईटी को मुखबिर से सूचना मिली कि हर्षवर्धन पूजा के लिए आता जाता है। टीम ने बताई गई लोकेशन पर पूरा जाल बिछाया, लेकिन हर्षवर्धन नहीं आया। इस दौरान टीम को सूचना मिली कि हर्षवर्धन और उसकी पत्नी सरिता सोलन बॉर्डर से तीन किलोमीटर दूर एक होटल में रुके हुए हैं।

टीम ने रिश्तेदारों पर नजर रखनी शुरू की तो पता चला कि आरोपी हर्षवर्धन, उसकी पत्नी सरिता और राजू यादव कभी कभार दौसा आते-जाते रहते हैं। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और तीनों आरोपियों को नेपाल बॉर्डर से पकड़ लिया। राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में ग्रेड थर्ड टीचर राजेंद्र कुमार यादव को झोटवाड़ा की कुमावत कॉलोनी से और हनुमानगढ़, बीकानेर में दलाली करने वाले शिवरतन मोट उर्फ शिवा को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया।

दो दशक से एक ही स्कूल में नौकरी कर रहा आरोपी राजेंद्र
पेपर लीक का आरोपी राजेंद्र कुमार खातीपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में दो दशक से नौकरी कर रहा था। इस दौरान उसने जूनियर इंजीनियर (जेईएन) के अलावा कई अन्य परीक्षाओं के भी पेपर लीक किए, लेकिन पुलिस की नजरों से बचा रहा। हर्षवर्धन पर इनाम घोषित हो जाने के कारण उसे परिवार समेत नेपाल भागना पड़ा। उसके साथ उसका साथी राजेंद्र उर्फ राजू यादव भी फरार हुआ था।

जयपुर का खातीपुरा स्थित स्कूल, जहां से जेईएन भर्ती का पेपर लीक हुआ।
जयपुर का खातीपुरा स्थित स्कूल, जहां से जेईएन भर्ती का पेपर लीक हुआ।

सरकारी टीचर और कॉम्पिटिशन की तैयारी करने वाले डमी कैंडिडेट
ज्यादातर डमी कैंडिडेट जालोर से पकड़े जा रहे हैं। परीक्षा देने वाले अधिकतर सरकारी टीचर या कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे युवा होते हैं।

एसआईटी ने जेईएन भर्ती परीक्षा 2000 के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। हाईकोर्ट लिपिक भर्ती परीक्षा 2020, रीट भर्ती परीक्षा 2021, राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा, सीएचओ भर्ती परीक्षा 2020 में भी आरोपियों की ओर से पेपर लीक किए जाने की आशंका को लेकर जांच की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि पकड़े गए आरोपियों ने पेपर लीक के साथ ही इन परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी भी बैठाए थे।

10 साल में 35 से ज्यादा पेपर लीक, 615 से अधिक गिरफ्तार
प्रदेश में 1 जनवरी 2014 से पेपर लीक के 35 से अधिक प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। जिसमें 615 लोगों को गिरफ्तारी की गई है। वहीं 32 मामलों में चालान पेश किया जा चुका है। इसके बावजूद राज्य में लगातार पेपर लीक गैंग सक्रिय है।

आरोपियों और डमी कैंडिडेट्स की तलाश में दबिश
एसआईटी ने आरोपियों से पेपर खरीदने वालों और डमी कैंडिडेट्स की तलाश में जगह-जगह दबिश देना शुरू कर दिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेपाल सीमा से आरोपियों को पकड़ा। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पैसे का भुगतान करने वालों के खिलाफ भी प्रभावी की जा सके। एडीजी वीके सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामले में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए स्पेशल सेल गठित की गई है।

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