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शहीद श्योराराम गुर्जर का मनाया शहादत दिवस:पुलवामा हमले में आतंकियों को मार कर दी थी प्राणों की आहुति


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शहीद श्योराराम गुर्जर का मनाया शहादत दिवस:पुलवामा हमले में आतंकियों को मार कर दी थी प्राणों की आहुति

शहीद श्योराराम गुर्जर का मनाया शहादत दिवस:पुलवामा हमले में आतंकियों को मार कर दी थी प्राणों की आहुति

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : आज़ाद अहमद खान

खेतड़ी : खेतड़ी के टीबा गांव में रविवार को शहीद स्मारक स्थल पर शहीद श्योराराम गुर्जर (सेना मेडल) का आज शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भाजपा जिला महिला महामंत्री पूनम धर्मपाल गुर्जर, विशिष्ट अतिथि हवलदार रूप चंद सिराधना, प्रभु राजोता, सूनिता पायल मौजूद थी। जबकि अध्यक्षता वीरांगना सुनीता गुर्जर ने की। कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम अतिथियों ने शहीद श्योराम गुर्जर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि पूनम धर्मपाल गुर्जर ने कहा कि शहीद श्योराम गुर्जर जैसे वीर जवानों के चलते ही हम आज अपने घरों में चैन की नींद सौ रहे है। शहीद श्योराम गुर्जर पुलवामा हमले का बदला लेने वाला जांबाज थे, जिन्होंने 18 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में आईडी ब्लास्ट करने वाले मास्टरमाइंड कामरान गाजी सहित तीन आतंकियों को मार कर अपने देश के लिए बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि झुंझुनू जिले के युवाओं को बचपन से ही देश सेवा की प्रेरित किया जाता है, जिसके बाद वह सेना में शामिल होकर सरहद की रक्षा करते हुए हंसते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे देते हैं।

जिले के गांव गांव में सड़कों किनारे लगी शहीदों की प्रतिमाएं युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित भी करती हैं। इसके अलावा शहीद हमारे लिए पूजनीय होते हैं, जिन्हें हर धार्मिक कार्य में प्राथमिकता से उनका गुणगान करना चाहिए। शहीद श्योराम गुर्जर हमेशा अपने दिलों में राज करेंगा। शहीद श्योराम गुर्जर की बहादुरी पर सेना की ओर से उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

ये रहे मौजूद

इस दौरान पूनम धर्मपाल गुर्जर ने शहीद वीरांगना सुनीता गुर्जर, शहीद के बेटे खुशांक व र्दुजांश को माला पहनाकर सम्मान किया। इस मौके पर मैदाराम, महेश, बाबूलाल अवाना, शीशराम, कृष्ण मुकदम, मुकेश, पुरूषोत्त्म, कृष्ण कुमार, नानक ठेकेदार, गुलझारी लाल, सत्यप्रकाश, रामरतन, शीशराम भगत, चून्नीलाल, नारायण सिंह, नरेश, सीताराम, रामरतन, उमाशंकर सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

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