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ऐतिहासिक नौ लाख पेड़ों का बाग फिर हरा-भरा होगा:ददरेवा में सैकड़ों पीपल, नीम और खेजड़ी के पौधे लगाए, ग्रामीण करेंगे सार-संभाल


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ऐतिहासिक नौ लाख पेड़ों का बाग फिर हरा-भरा होगा:ददरेवा में सैकड़ों पीपल, नीम और खेजड़ी के पौधे लगाए, ग्रामीण करेंगे सार-संभाल

ऐतिहासिक नौ लाख पेड़ों का बाग फिर हरा-भरा होगा:ददरेवा में सैकड़ों पीपल, नीम और खेजड़ी के पौधे लगाए, ग्रामीण करेंगे सार-संभाल

सादुलपुर : सादुलपुर के पास स्थित गांव ददरेवा में गोरख टीला के निकट सैकड़ों बीघा खाली पड़ी भूमि को फिर से हरा-भरा बनाया जाएगा। यह वही स्थान है, जहां हजारों साल पहले नौ लाख पेड़ों का विशाल बाग हुआ करता था। सरपंच जाहिद खान के अनुसार, समय के साथ यह बाग सूखकर वीरान हो गया। अब यहां केवल घास और झाड़ियां ही बची हैं। शनिवार को पूर्व सरपंच बजरंग लाल और वर्तमान सरपंच जाहिद खान के नेतृत्व में बाग को पुनर्जीवित करने का अभियान शुरू किया गया। ग्रामीणों ने सैकड़ों पीपल, नीम और खेजड़ी के पौधे लगाए। आवारा पशुओं से पौधों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध भी किए गए हैं।

इस पौधरोपण अभियान में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इनमें पूर्व सरपंच बिशु कुमार रजलिवाल, पूर्व उप सरपंच फूलाराम शर्मा, रामकुमार रजलीवाल, लीलू राम के साथ अमर सिंह राजपुरोहित, महेश शर्मा, विनोद छींपा और विजेन्द्र मास्टर शामिल थे। ग्रामीणों का कहना है कि ददरेवा गोगाजी की जन्मभूमि और गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि है। यहां मेला भी लगता है। इस प्राचीन बाग के पुनर्जीवित होने से श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है।

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