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Tikaram Julie: ‘किसानों की छवि आतंकवादी जैसी बना रहे, आजादी के बाद पहली बार सड़क पर कीलें और बैरिकेडिंग’


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Tikaram Julie: ‘किसानों की छवि आतंकवादी जैसी बना रहे, आजादी के बाद पहली बार सड़क पर कीलें और बैरिकेडिंग’

दौसा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने किसान आंदोलन को लेकर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी। लेकिन क्या हालात बने हुए हैं, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। आज किसानों की छवि आतंकवादी जैसी बनाने की कोशिश की जा रही है।

दौसा : किसान आंदोलन पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, आज किसानों की छवि आतंकवादियों की तरह बनाने की कोशिश की जा रही है। 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसानों के लिए बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते बंद किए जा रहे हैं। सड़कों पर कील लगा दी गई। इस तरह का स्वागत हम पहली बार देख रहे हैं, जबकि देश की जीडीपी में किसानों का मुख्य रोल होता है।

दौसा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। जूली ने कहा है कि आज देश की जीडीपी में अहम योगदान किसका है और इस किसान की बात आज कोई सुनने को तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि साल 2022 में मैं किसान की आमदनी दोगनी कर दूंगा। मैं स्वामी रंगनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करूंगा, लेकिन अब पद पर बैठने के बाद मोदी यह बात भूल चुके हैं, कुर्सी पर बैठने के बाद बदल चुके हैं।

टीकाराम ने कहा, भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसानों का स्वागत सड़कों पर बैरिकेड्स और कीलें बिछाकर रास्ते बंद किए जा रहे हैं। जबकि किसान इस देश और दुनिया का पेट भरता है, उस अन्नदाता के ऊपर आज ये अत्याचार किया जा रहा है। आज किसान ही समृद्ध नहीं है, जबकि देश की जीडीपी में किसानों का सबसे बड़ा योगदान है। उन किसानों पर आज मोदी सरकार गोलियां चलवा रही है। आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलवा रही है। एक हजार किसानों ने गोलियां खाकर देश में तीन काले कानून वापस करवाए थे। उस फैसले में जो बातें हुई थी, आज उन बातों पर कोई चर्चा नहीं है। आज किसान जब अपनी बात रखते हैं तो उन्हें आतंकवादी करार दिया जाता है।

टीकाराम जूली ने आगे कहा कि ऐसी सरकार हमने कभी नहीं देखी। आंदोलन पहले भी होते आए हैं, देश में गांव में शहर में सभी जगह आंदोलन होते हैं। लेकिन आंदोलन को किस प्रकार कुचला जाए किस प्रकार दबाया जाए, उनके नेताओं को अरेस्ट कर लिया गया है। किसान नेताओं को जगह-जगह सर्च किया जा रहा है। इसलिए टीकाराम जूली ने मीडिया से भी अपील की है कि वह किसानों का साथ दें। आने वाले समय में जनता इस सरकार को जवाब देगी।

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