जयपुर : अभिनेता सलमान खान को धमकी देने वाले गैंगस्टर विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को जयपुर की चौमूं थाना पुलिस ने पंजाब के पटियाला जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस शनिवार देर रात बराड़ को चौमूं लेकर पहुंची। रविवार को जयपुर कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया है। चौमूं में करीब 3 साल पहले ज्वेलर्स की दुकान में दिनदहाड़े पिस्तौल के दम पर हुई डकैती के मामले में बराड़ फरार चल रहा था।
चौमूं थानाधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया- शहर के मुख्य बाजार स्थित एमके संस ज्वेलर्स की दुकान पर 11 अप्रैल 2021 को दिनदहाड़े पिस्तौल के दम पर डकैती की वारदात हुई थी। डकैत करीब 12 लाख रुपए नकद, डेढ़ किलो सोना और डेढ़ किलो चांदी लेकर फरार हो गए थे। आरोपी विक्रम बराड़ इस डकैती का मास्टरमाइंड था। कल देर रात उसे कड़ी सुरक्षा में चौमूं लेकर आए।
बैसाखियों के सहारे कोर्ट पहुंचा बराड़
पैर में चोट आने के कारण रविवार को बैसाखियों के सहारे विक्रम बराड़ को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सुरक्षा के लिए चौमूं पुलिस थाने में हथियार से लैस क्यूआरटी स्पेशल कमांडो लगाए गए। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। आरोपी विक्रम बराड़ के खिलाफ राजस्थान के अलावा कई राज्यों में संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी विक्रम बराड़ के तार जुड़े हुए हैं। चौमूं पुलिस बराड़ से पूछताछ कर रही है। वह किसी दूसरे मुकदमे में पटियाला जेल में बंद था।
डकैती के 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी पुलिस
डकैती के मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें सुमेर सिंह उर्फ पपल्या, शशांक पांडे, ललित सोनी, महेश कुमार, योगेंद्र सिंह मूड उर्फ मुंडिया, मनोज कुमार नेहरा, जितेंद्र कुमार बाटड, गोविंद सैनी और भूपेंद्र कुमावत शामिल हैं। इनके पास से पुलिस ने लूटा गया सोना-चांदी बरामद कर लिया था, लेकिन नकद राशि बरामद नहीं हो पाई थी। इसका मास्टरमाइंड विक्रम बराड़ काफी समय से फरार था।
कौन है विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़?
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की तरह ही विक्रम बराड़ का संबंध भी राजस्थान से है। बराड़ हनुमानगढ़ जिले का रहने वाला है। स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह चंडीगढ़ गया था। वहां उसने पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। इसके बाद वह स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) से जुड़ा। इसी दौरान उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई से हुई। लॉरेंस भी छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहता था। बस यहीं से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और विक्रम बराड़ लॉरेंस का एकदम खास बन गया।