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शेखावाटी के ये दो स्टार बनें क्लाउड सिक्योरिटी के शरताज, 12वीं तक नहीं देखा था कंप्यूटर और अब..


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शेखावाटी के ये दो स्टार बनें क्लाउड सिक्योरिटी के शरताज, 12वीं तक नहीं देखा था कंप्यूटर और अब..

झुंझुनूं के शेखावाटी से आई दो युवा साथियों की कहानी हम सबको इंस्पायर करेगी. साथ ही संघर्ष कर रहे कैंडिडेट्स को आगे बढ़ने का हौसला भी देगी.पढ़िए कैसे 12 वीं तक कंप्यूटर न देखने वालों ने अमरीका तक को प्रभावित किया है.

झुंझुनूं : यह कहानी है शेखावाटी के ऐसे दो युवाओं की, जिन्होंने 12वीं कक्षा तक कम्प्यूटर की शक्ल तक नहीं देखी थी, बाद में ऐसी कंपनी खड़ी कर दी, जिसका अमरीका ने अधिग्रहण किया है। यह कंपनी अब अमरीका की एक कंपनी को क्लाउड सिक्योरिटी देगी।

कंपनी के फाउंडर निशांत मित्तल को आइआइटी धनबाद से कम्प्यूटर साइंस से बी.टेक करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी मिली। वहां उसकी मुलाकात आनंद प्रकाश से हुई। आनंद ने भी बी.टेक किया है। वह कई कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी देता है। वर्ष 2021 में निशांत और आनंद ने बेंगलुरु में पिंग सेफ नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी क्लाउड सिक्योरिटी देती है। अब उनकी कम्पनी का अमरीका की कम्पनी सेंटाइनल वन ने अधिग्रहण किया है। निशांत ने बताया कि एग्रीमेंट की शर्तों के कारण अधिग्रहण राशि का खुलासा नहीं किया जा सकता।

आनंद ने भी बी.टेक किया है

कहते तो ये भी हैं, जहां चाह वहां राह.निशांत मित्तल भी अपनी चाह की राह में बढ़ते गए. और एक दिन पहुंचे आईआईटी धनबाद. जहां से कंप्यूटर साइंस से बी.टेक की शिक्षा पूरी की. फिर यहां से बेंगलुरु चले गएं. वहां उसकी मुलाकात-आनंद प्रकाश से हुई. आनंद ने भी बी.टेक किया है.वह कई कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी देते हैं.

बेंगलुरु में एक कंपनी बनाई थी

आईआईटी करने के बाद कुछ दिनों तक नौकरी करने के साथ-साथ ऐसी कंपनी खड़ी कर दी, जिसका अमरीका ने अधिग्रहण किया है। यह कंपनी अब अमरीका की एक कंपनी को क्लाउड सिक्योरिटी देगी.2021 में निशांत व आनंद ने बेंगलुरु में एक कंपनी बनाई थी.

चूरू जिले हैं आनंद प्रकाश 

आनंद प्रकाश चूरू जिले में तारानगर से हैं. निकट बाय गांव से हैं.उसके मित्र ने वर्ष 2008 में सोशल अकाउंट क हैक करने का चैलेंज किया. उस अकाउंट हैक कर लिया. बी.टेक के बाद वह एथिकल हैकर बन गया और कई कम्पनियों को सुरक्षा देने लग गया. आनंद के पिता देवीलाल किसान हैं. झुंझुनू के निकट मंड्रेला गांव निवासी निशांत के पिता पुरुषोत्तम मित्तला बिजनेसमैन हैं.उनकी कम्पनी का अमरीका की एक कम्पनी ने अधिग्रहण किया है.

आनंद ऐसे बना हैकर
आनंद ने बताया कि जब वह पढ़ाई कर रहा था, तब उसके मित्र ने वर्ष 2008 में सोशल अकाउंट को हैक करने का चैलेंज किया। उसने दोस्त का अकाउंट हैक कर लिया। इसके बाद बी.टेक के बाद वह एथिकल हैकर बन गया और कई कम्पनियों को सुरक्षा देने लग गया। आनंद के पिता देवीलाल किसान हैं।

निशांत झुंझुनूं जिले का
झुंझुनूं के निकट मंड्रेला गांव निवासी निशांत के पिता पुरुषोत्तम मित्तल बिजनेसमैन हैं। कंपनी का को-फाउंडर आनंद प्रकाश चूरू जिले में तारानगर के निकट बाय गांव का मूल निवासी है।

संदेश: लक्ष्य तय कर मेहनत करो
निशांत ने युवाओं को संदेश दिया कि सबसे पहले लक्ष्य तय करें फिर ईमानदारी से मेहनत करें। एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। मैं और मेरा दोस्त दोनों छोटे-छोटे गांवों से निकले हैं। बचपन में तो आइआइटी के बारे में भी नहीं जानते थे, लेकिन मेहनत की सफलता आपके सामने है।

क्या होती है क्लाउड सिक्योरिटी:
क्लाउड सिक्योरिटी क्लाउड पर आधारित सभी एप्लीकेशन और डेटा को सुरक्षा प्रदान करती है।यह एक तकनीक है जिसका इस्तेमाल क्लाउड में मौजूद सिस्टम, डेटा और एप्लीकेशन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। क्लाउड सिक्योरिटी, ऑनलाइन स्टोर हुए डेटा को हैकर से सुरक्षित रखती है जिससे कि डेटा चोरी ना हो, डेटा का गलत इस्तेमाल ना हो और डेटा में कोई छेड़-छाड़ ना हो।

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