नोहर : नोहर (हनुमानगढ़) सीआई धर्मपाल सिंह शेखावत को पंचायत समिति की साधारण सभा से निकाल दिया गया। धर्मपाल सिंह की बात से प्रधान सोहन ढिल नाराज हो गए थे। उन्होंने बैठक से निकल जाने को कहा। सीआई भी तुरंत बाहर चले गए। बैठक में डीएसपी से लेकर अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बाद प्रधान के कहने पर बोर्ड ने सीआई के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया।
इससे पूर्व दोपहर करीब एक बजे पंचायत समिति की बैठक शुरू हुई। उसकी अध्यक्षता प्रधान सोहन ढिल कर रहे थे। बैठक में सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दे उठाए। इस बीच प्रधान सोहन ढिल ने नकली डीएपी के मामले की जानकारी मांगी। इस पर डीएसपी रघुवीरसिंह भाटी ने मामले की पूरी जानकारी दी।
इसके बाद प्रधान सोहन ढील ने किसी राजस्थानी कहावत का जिक्र करते हुए मामले की जांच जल्दी करने को कहा। इस मामले से जुड़े सीआई धर्मपाल सिंह शेखावत ने जानकारी देना शुरू कर दिया। प्रधान ने कहा कि आपको तमीज नहीं है। मैं आपसे नहीं आपके अधिकारी से बात कर रहा हूं। जब अधिकारी से बात हो रही हो तो आपको बीच में बोलने की क्या आवश्यकता है। प्रधान यही नहीं रुके और उन्होंने सीआई को बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया।
बैठक में निंदा प्रस्ताव
सीआई के बाहर जाने के बाद प्रधान ने कहा- इनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लीजिए। जिस पर निंदा प्रस्ताव लाया गया और उसे पास कर दिया गया। बाद में बैठक में अन्य मुद्दो पर चर्चा हुई। इस दौरान बैठक में सभी थानों के एसएचओ, बिजली, पानी, शिक्षा, सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
क्या है मामला
थाना प्रभारी धर्मपाल के अनुसार, नकली डीएपी के दो मामले हैं। एक कुईया थाने का और एक नोहर थाने का है। इनमें दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 2 की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की ओर से स्टे है। वहीं प्रधान का कहना है कि इन मामलों में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। बैठक में एक सदस्य ने यह मुद्दा उठाया था, जिस पर प्रधान ने जवाब मांगा।
धमकी भी मिली
इस बीच सामने आया है कि बैठक का वीडियो सामने आने के बाद किसी ने प्रधान को फोन करके सीआई से ऐसे व्यवहार पर धमकी भी दी है। प्रधान ने कहा कि उनके पास किसी नंबर से फोन आया था। जिसने कहा कि आप ऐसे बात नहीं कर सकते।
सीआई ने कहा- पुलिस पर टिप्पणी सही नहीं थी
सीआई ने कहा- बैठक में प्रधान ने एक मामले में व्यक्तिगत रूप से मेरी ओर इशारा करते हुए कहा कि ये पुलिस वाले ऐसे काम नहीं करते, इनको जूते मारने पड़ेंगे। तब ये काम करेंगे। मैंने इनको जूते मारकर काम करवाए हैं। पूर्व में एक चोरी का मैटर था। उसमें भी मैंने इनको जूते मारकर आरोपी गिरफ्तार करवाए हैं। मैंने कहा- ये आमसभा है। जनप्रतिनिधि मौजूद हैं। आप इस प्रकार पुलिस को जूते मारने की बात नहीं कर सकते। आपको शोभा नहीं देता। आप प्रधान के पद पर हो। जिस पर उन्होंने मुझे कहा कि आप मीटिंग से बाहर चले जाइए।
प्रधान ने कहा – बीच में बोल रहे थे
एक सदस्य ने यह मुद्दा उठाया था। तब वहां बात चली कि पुलिस का रवैया सही नहीं है। तब यह कहा कि जैसी हमारी देसी कहावत है कि कोई व्यक्ति सौ जूते भी खाए और कोई प्याज भी खाए, फिर वो काम संपन्न हो। तो समय रहते इस काम को किया जाए। इसके बाद सीआई ने मुझे इंगित करते हुए कुछ बोलने का प्रयास किया। मैंने कहा कि आप बैठिए। आपके अधिकारी हैं। हम उनसे बात कर रहे हैं। हमने अधिकारी से बात की तो भी वे बीच में बोल रहे। जिस पर हमने उनसे कहा कि आप अधिकारी के रहते हुए बोल रहे हैं, आप बाहर जाइए।