जयपुर : कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में 22 पर पर्यवेक्षक तय कर लिए हैं। ये पर्यवेक्षक राजस्थान के ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं। जिस लोकसभा सीट के वे पर्यवेक्षक होंगे, वे स्वयं उस गृह क्षेत्र से नहीं होंगे। शेष 3 सीटों पर एआईसीसी खुद नजर रखेगी और यहां के लिए अपनी ओर से टीम बनाकर भेजेगी।
असल में पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर स्थापना दिवस समारोह नागपुर में 28 दिसंबर को आयोजित कर रही है। पार्टी के बड़ी संख्या में वरिष्ठ कांग्रेसी नागपुर जा रहे हैं। इनके राजस्थान लौटने के बाद ही रणनीति की घोषणा की जाएगी और पर्यवेक्षकों को फील्ड में भेजा जाएगा।
प्रदेश की तीनों सीटों की कमान अपने पास रखेगी एआईसीसी
असल में चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और राजसमंद से जुड़ी लोकसभा की कुल 24 सीटों में से कांग्रेस को विधानसभा सीटों में से 22 सीटों पर हार हुई है। ऐसे में इन तीनों सीटों को लेकर पार्टी हाईकमान अलग स्ट्रेटेजी अपना रही है।
एआईसीसी ही तीनों सीटों की कमान अपने पास रखेगी और एक-एक पर्यवेक्षक के बजाय हर सीट पर टीम बनाकर भेजेगी। वही टीम लोकसभा चुनाव तक पूरी रणनीति पर काम करेगी। कैसे विधानसभा चुनाव में हारी सीटों के वोटों का प्रतिशत बढ़ाया जाए और भाजपा को वोट देने वाले वोटर्स को कैसे पार्टी की ओर कन्वर्ट किया जाए, इसी पर काम करेगी।
वरिष्ठ कांग्रेसी ही होंगे पर्यवेक्षक
पार्टी या सरकार में प्रमुख पदों पर पदाधिकारी-कांग्रेस नेताओं को ही पर्यवेक्षक बनाया गया है। इनमें मंत्रिमंडल के सदस्य रहे वरिष्ठ कांग्रेसियों से लेकर बोर्ड-निगमों के अध्यक्ष भी शामिल हैं और विधायक-पूर्व विधायक या अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी।
संगठनात्मक कार्य देखेंगे, सर्वे नहीं करेंगे
पर्यवेक्षकों का काम किसी भी प्रत्याशी के लिए सर्वे करने का नहीं होगा। पार्टी का संगठन उस लोकसभा क्षेत्र में कैसे मजबूत हो? स्थानीय कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए बूस्टर डोज कैसे दी जा सकती है? उन्हें सक्रिय बनाए रखने के लिए क्या-क्या आंदोलनात्मक रणनीति पर काम किया जा सकता है? कुछ इस तरह के सवालों पर काम कर जड़ें मजबूत करने का काम ये पर्यवेक्षक करेंगे।