[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाया स्वास्थ्य विभाग:जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की राशि का नहीं हुआ उपयोग, कैसे मिले फायदा, अधिकारियों की लापरवाही


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाया स्वास्थ्य विभाग:जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की राशि का नहीं हुआ उपयोग, कैसे मिले फायदा, अधिकारियों की लापरवाही

एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाया स्वास्थ्य विभाग:जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की राशि का नहीं हुआ उपयोग, कैसे मिले फायदा, अधिकारियों की लापरवाही

झुंझुनूं : सरकारी योजनाओं का आमजन को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। हम बात कर रहे हैं जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की। इस योजना के अंतर्गत इस साल जांच के लिए स्वीकृत बजट में से झुंझुनूं सहित प्रदेश के 17 जिले एक प्रतिशत राशि भी खर्च नहीं कर पाए।

झुंझुनूं जिले में जांच के लिए 3 लाख 86 हजार 50 रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग जनवरी से अभी तक सिर्फ 5000 हजार रुपए ही खर्च कर पाया। यह कुल राशि का एक प्रतिशत के करीब है।इसके कारण शिशु मृत्यु दर पर भी कोई अकुंश नहीं लग सका है।

योजना का नहीं मिल रहा लाभ

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से साल 2011 में केन्द्र सरकार की ओर से जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसके तहत नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को दवाएं, खाद्य सामग्री, इलाज, खून एवं सामान्य प्रसव के मामले में 3 दिन व सी-सेक्शन के मामले में 7 दिन तक मुफ्त पोषाहार उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इसके साथ ही घर से चिकित्सा केन्द्र पर आने और जाने के लिए भी मुफ्त परिवहन सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण आमजन योजना के लाभ से वंचित हैं।

इन जिलों में नहीं हुआ खर्च

दवाओं के लिए स्वीकृत राशि में से झुंझुनूं,

अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, चूरू, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, उदयपुर व गंगानगर जिला एक भी रुपया खर्च नहीं कर सके।

इसी तरह योजना के अंतर्गत जांच के लिए स्वीकृत राशि में से सीकर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, टोंक व उदयपुर जिला एक रुपया भी नहीं खर्च पाए।

जिले का नाम जांच के लिए खर्च की प्रतिशत स्वीकृत राशि

1. झुंझुनूं 386050 5000 1

2. गंगानगर 317625 5448 2

3. बूंदी 232925 15000 6

4. सिरोही 600425 49000 8

5. झालावाड़ 610750 85000 14

6. जयपुर द्वितीय 1131550 178632 16

7. पाली 702625 148000 21

8. चितौडगढ़ 357000 99050 28

9. नागौर 445725 128000 29

10. जोधपुर 353325 108000 31

11. प्रतापगढ़ 493500 200000 41

12. अजमेर 733775 312000 43

Related Articles