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J&K Economy: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की GSDP दोगुनी हुई, जानें चार साल में कितना बदला राज्य


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जम्मू कश्मीरटॉप न्यूज़नई दिल्लीराज्य

J&K Economy: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की GSDP दोगुनी हुई, जानें चार साल में कितना बदला राज्य

J&K Economy: जीएसडीपी अर्थव्यवस्था और सामाजिक-आर्थिक विकास के विभिन्न क्षेत्रों के विकास को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह एक संपन्न अर्थव्यवस्था और वहां के निवासियों केबेहतर जीवन स्तर को दर्शाता है।

जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। बता दें कि इस अनुच्छेद के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को सही ठहराया 

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ने सोमवार (11 दिसंबर 2023) की सुबह 11 बजे इस मामले में सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। इस पीठ में सीजेआई के अलावा, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल थे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के फैसले को देशभर में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। ऐसे में इस बात पर बहस लाजिमी है कि बीते चार वर्षों में यानी अगस्त 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया गया था तब से आज तक प्रदेश ने आर्थिक मोर्चे पर क्या हासिल किया। आइए इस पर एक नजर डालते हैं।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद चार साल के भीतर यहां की सकल राज्य घरेलू उत्पादन यानी जीएसडीपी दोगुनी हो गई है। इसके साथ ही क्षेत्र में एक अभूतपूर्व आर्थिक भी परिवर्तन देखा गया।

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटने से निवेश और व्यापार के अवसरों में हुआ इजाफा

राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने से निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार के अवसरों में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अनुच्छेद 370 हटने के बाद देश की जीएसडीपी दोगुनी होकर 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले महज एक लाख करोड़ रुपये थी।

जीएसडीपी अर्थव्यवस्था और सामाजिक-आर्थिक विकास के विभिन्न क्षेत्रों के विकास को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह एक संपन्न अर्थव्यवस्था और वहां के निवासियों केबेहतर जीवन स्तर को दर्शाता है। वहीं GDP एक विशिष्ट समय अवधि में किसी राज्य या देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य है।

राज्य की जीएसडीपी एक लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.27 लाख करोड़ रुपये हुई

6 दिसंबर 2023 को संसद में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब देते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले, राज्य की जीएसडीपी 1 लाख करोड़ रुपये थी, जो केवल चार वर्षों में दोगुनी होकर आज 2,27,927 करोड़ रुपये हो गई है।

उन्होंने कहा, ”अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ जिसके कारण वहां कामकाजी माहौल बेहतर हुआ और इससे राज्य में भारती विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।” केंद्र शासित प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, उद्योगों, कृषि, बागवानी, पर्यटन और सेवा क्षेत्रों पर जोर देने के साथ अगले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी वर्तमान स्तर से दोगुनी होने की संभावना है।”

जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़ी 

इस साल की शुरुआत में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, “जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे, सुरंग, पुल, फ्लाईओवर, रिंग रोड बन रहे हैं। 2023 में जम्मू-कश्मीर के रेल लिंक के राष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ने की उम्मीद है और हवाई अड्डों को भी अपग्रेड किया जा रहा है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर एक कृषि अर्थव्यवस्था है जिसमें आधे से अधिक कार्यबल कृषि गतिविधियों से जुड़े हुए हैं, इसलिए सरकार डॉ मंगला राय समिति की सिफारिशों के आधार पर विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करके इस क्षेत्र को बदलने का हर संभव प्रयास कर रही है। आने वाले समय में राज्य में जीएसडीपी में योगदान दोगुना हो जाएगा जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।

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