जयपुर : जल जीवन मिशन घोटालों के मामले में ईडी की टीम ने जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुबोध अग्रवाल समेत कई अधिकारियों के आवास और कार्यालय पर देर रात तक सर्च किया। राजस्थान में 6 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई थी। ईडी के अधिकारियों ने नगदी और जब्त दस्तावेजों को जयपुर ईडी मुख्यालय में जमा करवा दिया है। वहीं, कुछ गैजेट्स और डायरी को ईडी की टीम दिल्ली लेकर जा रही है। वहीं, 16 नवम्बर से पहले ईडी ने सुबोध अग्रवाल और महेश जोशी के ओएसडी संजय अग्रवाल को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाएगी।
जानकारी यह भी है कि सुबोध अग्रवाल के एक निजी सहायक से महेश नगर इलाके में हुई पूछताछ के बाद कई दस्तावेज ईडी को मिले हैं। इसमें जल जीवन मिशन घोटाले के कई दस्तावेज और डायरी हैं। इसलिए सम्भावना है कि अलग-अलग तारीख को कुछ लोगों को भी पूछताछ के लिए और बुलाया जा सकता हैं।
18 घंटे की सर्च में नगदी, दस्तावेज,डायरी, डिजिटल डॉक्यूमेंट मिले ईडी को
दरअसल, जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से छापेमारी करना शुरू किया था। छापेमारी के बाद सर्च रात करीब 12 बजे तक चली। इन 18 घंटों में ईडी को एक तीन डायरी, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क मिली है। वहीं, संजय बडाया के करीबी प्रॉपर्टी डीलर रामवतार शर्मा के आवास से 45 लाख रुपए नगद मिले हैं। जगतपुरा में जमीनों पर हुए इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज, प्रोपर्टी डीलर आलोक खंडेलवाल के प्रोपर्टी में किए गए निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं। ये लोग सुबोध अग्रवाल के करीबी बताए जा रहे हैं। साथ ही जानकारी सामने आई है कि जोधपुर के एक प्रोपर्टी कारोबारी के घर से भी ईडी को दस्तावेज मिले हैं।
बता दें कि करीब 2 महीने पहले भी ईडी ने जयपुर में अलग-अलग जगह रेड मारी थी। सर्च के दौरान ढाई करोड़ रुपए कैश और सोने की ईट मिली थीं। ईडी को प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया और कल्याण सिंह कव्या के घर से कई दस्तावेज भी मिले थे। इसके बाद सीनियर आईएएस अधिकारी (जलदाय विभाग के ACS) सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था।
दो महीने पहले हुई ईडी की रेड में रिटायर आरएएस अधिकारी अमिताभ कौशिक के घर से डेढ़ करोड़ रुपए नकद, एक किलो गोल्ड और निवेश के कई दस्तावेज मिले थे।
जमीनों के कागजात भी मिले थे
दो महीने पहले हुई रेड में कल्याण सिंह कविया के घर से ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं के नामों से रजिस्टर्ड जमीनों के कागजात मिले थे। कविया जयपुर के वैशाली नगर, करणी पैलेस रोड, गांधी पथ सहित कई इलाकों में प्रॉपर्टी का बिजनेस करता है। इस आधार पर माना जा रहा था कि ईडी ऐसे अधिकारियों और राजनेताओं से पूछताछ भी कर सकती है।
बड़ाया के घर से भी मिले थे सबूत
सितंबर में जब ईडी ने संजय बड़ाया और कविया के घर रेड की थी उस दौरान बड़ाया के घर से ईडी को कई सबूत मिलने का दावा किया गया था। दरअसल, संजय बड़ाया यह जानकारी थी कि ईडी राजस्थान में कभी भी जल जीवन मिशन को लेकर एक्शन कर सकती है।
इस पर संजय ने सबसे पहले अपना आईफोन 14 प्रो बदलकर उसकी जगह दूसरा मोबाइल ले लिया था। ईडी को बड़ाया के घर से नकदी नहीं मिली, लेकिन जो दस्तावेज मिले वो ईडी की जांच आगे बढ़ाने के लिए काफी थे। दस्तावेजों में कई अधिकारी, राजनेताओं को पैसा लेने और देने के सबूत होने का दावा किया जाता है। कुछ रजिस्ट्री के दस्तावेज भी बढ़ाया के घर से ईडी को मिले थ।
क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?
पहला– ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। जिस का खर्चा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को 50-50 प्रतिशत करना था। इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी। इस की जगह पर एचडीपीई की पाइपलाइन डाली गई।
दूसरा– पुरानी पाइप लाइन को नया बता कर पैसा लिया गया। जबकि जमीन में पाइप लाइन डाली ही नहीं गई।
तीसरा– कई किलोमीटर तक आज भी पानी लाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन उसका ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर पैसा उठा लिया।
चौथा– ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया और उसे नया पाइप बता कर बिछा दिया और सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए।
पांचवां– ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया, जिसकी अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उसे टेंडर दिया गया। क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था।
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जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें शुक्रवार से जयपुर में डेरा जमाए हुए है। वहीं, अलग-अलग राज्यों से ईडी की 7 टीमें देर रात जयपुर पहुंची है।