चुड़ीना में पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन:भगवान श्रीकृष्ण विवाह की सजीव झांकियां सजाई, महिलाओं ने समापन यज्ञ में दी आहुति
चुड़ीना में पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन:भगवान श्रीकृष्ण विवाह की सजीव झांकियां सजाई, महिलाओं ने समापन यज्ञ में दी आहुति

खेतड़ी : खेतड़ी के चुड़ीना गांव में पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन गुरुवार को हुआ। भामाशाह हुकमचंद मित्तल की मुख्य यजमानी में कथा का मंत्रोच्चारण कर हवन का आयोजन किया गया। कथावाचक पंडित कुलदीप भारद्वाज के सानिध्य में चल रही कथा के आखिरी दिन भगवान श्री कृष्ण के विवाह का प्रसंग सुनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने समापन महायज्ञ में आहुतियां दी।
कथावाचक कुलदीप भारद्वाज ने कहा कि कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का मन पवित्र हो जाता है। हर व्यक्ति को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर मन को शुद्ध करना चाहिए। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, इसलिए हर व्यक्ति को गौ माता की सेवा करने से पुण्य को हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि गौ सेवा सबसे बड़ा धर्म माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गाय का दान करना भी मनुष्य जीवन में अति महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को जीव जंतुओं की रक्षा के लिए आगे आकर काम करने चाहिए। मनुष्य की पवित्र आत्मा और धार्मिक अनुष्ठानों से भगवान की दृष्टि को पाया जा सकता है। मनुष्य को अपने जीवन में शुद्ध और शाकाहारी होना चाहिए, ताकि ईश्वर अपनी कृपा अपने भक्तों पर बनाकर रख सके। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के पूजन मात्र से ही दया दृष्टि को हासिल किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान भगवान श्रीकृष्ण, रूक्मिणी की सजीव झांकियां सजाकर गांव का भ्रमण करवाया गया। समापन समारोह में ग्रामीणों की ओर से भंडारे का आयोजन कर प्रसाद वितरण भी किया गया।
इस मौके पर अजीत सिंह तंवर, वीरेंद्र सिंह, लखन मित्तल, मनोज सिंह, विकास मित्तल, कृष्ण सिंह, शंकर सिंह, शिंभूदयाल, मुरारीलाल शर्मा, मामन सिंह, मुकेश सिंह, नीरज, सुनीता मित्तल, मंजू देवी, रेखा, सुषमा, लाली देवी, सुनीता मित्तल, रजनीश मित्तल, श्रवण कुमार, सुरेंद्र सिंह, कमला देवी, रेनू, संतोष, नीलम सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।