[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

निलंबन के पीछे बताई राजनीतिक साजिश: बोलीं..पंचायत समिति में हुआ करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चिड़ावाझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

निलंबन के पीछे बताई राजनीतिक साजिश: बोलीं..पंचायत समिति में हुआ करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार

चिड़ावा प्रधान डूडी ने इस्तीफा मंजूर होने के अगले दिन लगाए भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव के गंभीर आरोप

चिड़ावा : चिड़ावा पंचायत समिति की राजनीति में शनिवार को एक बार फिर हलचल मच गई। डेढ़ महीने पहले दिया गया प्रधान इंदिरा डूडी का इस्तीफा गुरुवार को मंजूर हुआ और ठीक अगले दिन डूडी ने निजी रिसोर्ट में प्रेसवार्ता कर इस्तीफे और निलंबन के पीछे राजनीतिक साजिश बताई। उन्होंने चिड़ावा पंचायत समिति में चल रहे कथित करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार, 45 प्रतिशत जीएसटी मॉडल, अवैध वसूली, अधिकारी-ठेकेदार गठजोड़ और एक जनप्रतिनिधि व पूर्व कार्यवाहक प्रधान रोहिताश धांगड़ पर गंभीर आरोप लगाए। डूडी ने कहा कि उन्होंने पद छोड़ा है, लड़ाई नहीं। जनता का हर रुपए का हिसाब कोर्ट में जाकर वसूल करेंगी। उन्होंने इस्तीफा देकर एक जनप्रतिनिधि की जान बचाई है। लेकिन अब जो गलत हुआ है, वह किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगी। डूडी ने कहा कि उनकी कहानी 2020 में कांग्रेस के टिकट पर प्रधान बनने के साथ शुरू हुई। जीत के बाद ही कुछ स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस से अलग राह पकड़ ली और उनकी प्रधानी खत्म करने की चालें शुरू हो गईं।

उनके खिलाफ की गई हर जांच फेल

डूडी ने कहा कि उनके और उनके परिवार पर एक रुपए की भी रिश्वत साबित नहीं कर पाए। जब अविश्वास नहीं चला तो झूठे आरोप बनाकर निलंबित कराया गया। मुयमंत्री और उच्च अधिकारियों से शिकायत के बाद 30 सितंबर को उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर बहाल कर दिया गया।

सरकारी कार्यों में चल रहा एक स्थाई मॉडल

प्रेसवार्ता में डूडी ने सबसे गंभीर आरोप लगाया कि चिड़ावा में सरकारी कार्यों में एक स्थायी मॉडल चल रहा था। हर काम पर प्रतिशत में अवैध वसूली की जाती। उन्होंने कहा कि दोबारा पद संभालते ही इसका विरोध किया। ठेकेदारों ने भी उन्हें रिकॉर्ड दिए हैं। जनता का करोड़ों रुपए इस मॉडल में खाए गए।

एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पर लगाया बड़ा आरोप

डूडी ने कहा कि एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में पूर्व कार्यवाहक प्रधान रोहिताश धांगड़, उनका ड्राइवर और विकास अधिकारी परी मिलीभगत का आरोप लगाया। 10 लाख 41 हजार 63 रुपए के टेंडर में लगभग 4 लाख 91 हजार रुपए कमीशन लिया गया। इसका पूरा रिकॉर्ड उनके पास मौजूद है। एक प्रोजेक्ट में 50 लाख की वसूली से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ। ठेकेदार ने कलक्टर व सीईओ को शिकायत दी और भुगतान रोक दिया गया। जिसका काम पूरा है उसका पेमेंट मिलना चाहिए, लेकिन यहां अधिकारी से मिले बिना पेमेंट नहीं मिलता था।

बैठकें बिना पूछे, फाइलें बिना हस्ताक्षर के आगे बढ़ाई जाती थीं

उन्होंने आरोप लगाया कि बहाली के बाद जब वे कामकाज देखने पहुंचीं तो कई अनियमितताएं सामने आईं। उन्होंने दावा किया कि बाल संरक्षण समिति की बैठकों में करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। लेकिन रात को मैसेज आता था और सुबह बैठक बुला जाती थी। उनकी अनुमति के बिना फाइलें आगे बढ़ाई जाती थीं। इसका उन्होंने विरोध किया।

एक जनप्रतिनिधि हर काम पर कहते: मेरी नाक कट जाएगी

डूडी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुसुम योजना के सोलर कनेक्शन, परिसीमन और कई कामों पर एक जनप्रतिनिधि बार-बार कहते, अगर काम हो गया तो मेरी नाक कट जाएगी। एक बार तो यहां तक कह दिया कि सोलर कनेक्शन हुआ तो आत्महत्या कर लेंगे। किसी की जान अपने सिर नहीं लेना चाहती थी इसलिए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जनप्रतिनिधि के दामाद, बेटे और रिश्तेदारों पर भी कमीशन मांगने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उप प्रधान ने भी पद लेने से इनकार कर रोहिताश धांगड़ का नाम लिखा। इस्तिफा मंजूर होने के बाद उप प्रधान को कार्यभार मिलना था, पर उन्होंने पत्र देकर असमर्थता जताई और रोहिताश धांगड़ को पद देने की मांग की। यह पूरी साजिश का हिस्सा था।

इनका कहना है-

पूर्व प्रधान डूडी के सारे आरोप निराधार हैं। जिस फर्म पर हिस्सेदारी की बात कही जा रही है, उसमें कोई लेनदेन नहीं है। मेरे कार्यकाल में कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत ही रही। पंचायत समिति को एजेंसी नहीं बनाया गया। राजनीतिक द्वेषता के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं। जिस ठेकेदार के नाम पर रिश्वत के आरोप लगाए गए, वह तो पंचायत समिति का ठेकेदार ही नहीं।

रोहिताश धांगड़, पूर्व प्रधान पंचायत समिति चिड़ावा

Related Articles