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भोजन सरस होगा तो भजन नीरस होगा: राघव ऋषि


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भोजन सरस होगा तो भजन नीरस होगा: राघव ऋषि

भोजन सरस होगा तो भजन नीरस होगा: राघव ऋषि

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : नगर के ख़ेमी शक्ति रोड के मुनि आश्रम स्थित सुवादेवी पाटोदिया सभागार में चल रही ऋषि सेवा समिति, चूरू के एवं झुंझुनूं के सनातन प्रेमियों के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस के अवसर पर बुधवार को पूज्य ऋषि जी ने कहा कि प्रत्येक इंद्रियों से जो भक्त रस का पान करता है वो गोपी है। लोग शरीर की अपेक्षा मन से अधिक पाप करते हैं। शरीर को मथुरा और हृदय को गोकुल यदि नंदरूपी जीव बनता है तो प्रभु की कृपा प्राप्त होती हैं। भगवान ने बाललीला में सबसे पहले पूतना का वध किया । पुत+ना अर्थात् जो पवित्र नहीं है वो है पूतना । अज्ञान पवित्र नहीं है । संसार में रहते हुए समस्त ज्ञान प्राप्त किया परन्तु भगवान का ज्ञान नहीं है तो उसका जीवन अपवित्र है । जिसकी आकृति सुन्दर हैं। एवं कृति बुरी है वही पूतना है शरीर बाहर से तो सुन्दर है । किन्तु हृदय विष से भरा हुआ है । वहीं पूतना है। जीव तर्क कुतर्क कर के भगवान पर कटाक्षेप करता है फिर भी प्रभु उस पर कृपा कर सद्गति देते है।

सौरभ ऋषि ने “जरी की पगड़ी बांधे” भजन से बालकृष्ण प्रभु की झाकी खींची तो सभी हर्षातिरेक हो गए । मखनचोरी लीला का वर्णन करते हुए पूज्य ऋषि जी ने बताया कि प्रवित्र मन ही माखन है जिसका मन पवित्र होता है भगवान उसी के घर पधारकर उसके हृदय को चुरा लेते है गोपियां तल्लीन होकर घर -गृहस्थी के कार्य करते हुए भगवान के लिए माखन विलोडती है । कथास्थल पर माखन की हांडी भगवान ने फोड़ कर सभी को प्रसाद बांटा।

गोवर्धनलीला की मार्मिक व्याख्या करते हुए पूज्य ऋषि ने कहा कि गो का अर्थ है भक्ति। भक्ति को बढ़ाने वाली लीला ही गोवर्धन लीला है। जीव का घर भोग भूमि है अतः भक्ति बढ़ाने के लिए कुछ समय पवित्र स्थान में साधना करनी चाहिए। भगवान ने सभी बृजवासियों से महालक्ष्मी का पूजन कराया जो दीपावली के दिन सम्पन्न हुआ। सारे बृजवासियों ने भेंट व खाद्य सामग्री गोवर्धन के लिए लाई। कन्हैया स्वयं पूजना करा रहा है। गोवर्धन जी का अभिषेक, श्रृंगार व छप्पन भोग अर्पण किया गया।

हुक्मी चन्द लोहिया द्वारा कथा झांकी पोथी एवं व्यासपीठ पूजन संपन्न हुआ। प्रमुख रूप से समिति के नवल किशोर जाखोटिया, महेश पारीक, सुशील लोहिया, राजेश सोनी, रमेश गुप्ता, मनीष बजाज, मुरारीलाल कंदोई सहित झुंझुनूं से गणेश हलवाई चिडावावाला, राजकुमार मोरवाल, सुभाष जालान, , महेश बसावतिया, परमेश्वर हलवाई, रामचन्द्र शर्मा पाटोदा, रामचंद्र ठठेरा, संदीप गोयल, कैलाश चंद्र सिंघानिया, रघुनाथ प्रसाद पोद्दार एवं विनोद पुजारी आदि भक्त श्रद्धालुओं ने भव्य आरती की।

संयोजक अनिल कल्याणी ने बताया कि गुरुवार की कथा में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का सरस प्रसंग रहेगा जिसमें श्रीकृष्ण बारात भी निकाली जाएगी जिसकी तैयारियों को क्षेत्रवासी पूर्णता प्रदान कर रहे हैं।

सायं 7 बजे से निःशुल्क ज्योतिष परामर्श में अनेक नगरवासियों ने निजी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया । सायं 7 बजे से ही महात्रिपुरसुंदरी महालक्ष्मी की आराधना क्रम में भगवती के निज मंदिर प्रवेश का सविधि पूजन पूज्य ऋषिजी के संरक्षण में संपन्न हुआ ।

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