नागौर में जन आक्रोश रैली: ‘मांगे नहीं मानी तो आंदोलन जारी रहेगा’, सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार को दी चेतावनी
सभा को संबोधित करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर में बढ़ती अराजकता का आरोप लगाया और पुलिस अधीक्षक, पूर्व सांसद व भाजपा नेताओं को बजरी के अवैध कारोबार में लिप्त बताया। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी एक माफिया को नागौर से खदेड़ा था, अब जो नई गैंग घूम रही है उसकी कोई औकात नहीं।

नागौर : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में मंगलवार को नागौर जिला मुख्यालय पर विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। रैली में हजारों की संख्या में लोग जुटे और जैसे ही सांसद बेनीवाल मंच पर पहुंचे, उनका जोरदार स्वागत हुआ। बेनीवाल जब गाड़ी की छत पर सवार होकर सभा स्थल तक पहुंचे, तो युवाओं का जोश देखने लायक था। रैली में खींवसर के पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल, मेड़ता की पूर्व विधायक इंदिरा देवी बावरी और RLP की पूर्व प्रत्याशी कनिका बेनीवाल सहित कई प्रमुख नेताओं ने मंच साझा किया और सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर आवाज उठाई।
सभा को संबोधित करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर में बढ़ती अराजकता का आरोप लगाया और पुलिस अधीक्षक, पूर्व सांसद व भाजपा नेताओं को बजरी के अवैध कारोबार में लिप्त बताया। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी एक माफिया को नागौर से खदेड़ा था, अब जो नई गैंग घूम रही है उसकी कोई औकात नहीं। नागौर की यह चिंगारी अब पूरे प्रदेश में बदलाव की अलख जगाएगी। बेनीवाल ने जिले में फैले संस्थागत भ्रष्टाचार, पुलिस की कार्यशैली और प्रशासन की लापरवाही के कई उदाहरण गिनाए। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और CRIF के तहत कराए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में जनता को और बड़ी सौगातें दी जाएंगी।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला- RLP नेता का आरोप
सांसद ने “भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ” हैशटैग के तहत चल रहे डिजिटल अभियान पर सरकार द्वारा RLP कार्यकर्ताओं को भेजे जा रहे नोटिसों की निंदा की। उन्होंने कहा कि हम अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमले से डरने वाले नहीं हैं। सरकार चाहे जितना दमन कर ले, जनता की आवाज कभी नहीं दबाई जा सकती। बेनीवाल ने राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव जल्द कराने की मांग को दोहराया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि RLP युवाओं को लोकतांत्रिक मंच प्रदान कर उनकी आवाज को मजबूती से उठाएगी।
ज्ञापन के माध्यम से रखी गईं प्रमुख मांगे
- मेड़ता-पुष्कर और मेड़ता-रास रेलवे लाइन के भूमि अधिग्रहण में लंबित आपत्तियों का निस्तारण कर उचित मुआवजा दिया जाए।
- थार एक्सप्रेस वे के गलत सर्वे को सार्वजनिक कर किसानों से सुझाव लिए जाएं।
- श्रीबालाजी थाना क्षेत्र में डिस्कॉम कर्मी की हत्या जैसे मामलों की जांच के लिए विशेष टीमें गठित हों।
- चोरी व नकबजनी के मामलों की पुन: जांच और लंबित मामलों को फिर से खोला जाए।
- अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री और JSW सीमेंट कम्पनी के खिलाफ आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाए।
- सीमेंट कम्पनियों को मिली पर्यावरण स्वीकृति की दोबारा जनसुनवाई कर राज्य स्तर पर समीक्षा करवाई जाए।
- सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी समेत अन्य वृक्षों की कटाई पर रोक लगाई जाए।
- संस्थागत भ्रष्टाचार की जांच ACB से करवाई जाए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लंबित क्लेम और दलाल-माफिया गठजोड़ की जांच SOG/ACB से करवाई जाए।
- स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की सहमति के बिना न लगाए जाएं।
- कृषि कनेक्शन, ट्रांसफॉर्मर, लाइमस्टोन पट्टे और DMFT की लंबित राशि तत्काल जारी की जाए।
मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन जारी रहेगा
सभा के अंत तक सांसद हनुमान बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे रहे। उन्होंने साफ कहा कि “जब तक सक्षम स्तर से हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा और हम यहीं डटे रहेंगे।”