वन विभाग और राजस्व विभाग में विवाद का मामला:वन विभाग ने अवैध रास्ते को कराया बंद, तहसीलदार ने खुलवाया; ग्रामीणों में आक्रोश
वन विभाग और राजस्व विभाग में विवाद का मामला:वन विभाग ने अवैध रास्ते को कराया बंद, तहसीलदार ने खुलवाया; ग्रामीणों में आक्रोश

पाटन : पाटन क्षेत्र के किशोरपुरा में वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच विवाद का मामला सामने आया है। 8 दिन पूर्व वन विभाग की टीम ने वन भूमि से होकर क्रेशर जोन की ओर जाने वाले अवैध रास्ते को बंद करवाया था व रास्ते से कच्चा पक्का अतिक्रमण भी हटाया था। वन विभाग द्वारा बंद करवाए गए रास्ते को शुक्रवार को पाटन तहसीलदार सुभाष चंद्र ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से वन विभाग द्वारा खोदी गई खाई को बंद कर रास्ते को दोबारा से चालू करवा दिया। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।

ग्रामीणों का कहना कि किशोरपुरा में बाघ की ढाणी के पास 11 क्रेशर और 5 खदानें हैं। क्रेशर जोन का रास्ता वन विभाग की जमीन से होकर जाता था। बाघ की ढाणी के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की थी। वहीं 18 जून न्यौराणा में रात्रि चौपाल के दौरान ये मुद्दा उठा। एडीएम ने पाटन रेंजर को रास्ता बंद करने के निर्देश दिए। उपवन संरक्षक सीकर के आदेश पर कार्रवाई की गई। एसीएफ अनिता कुमारी के नेतृत्व में पाटन पुलिस और वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए रास्ते को बंद कर दिया गया था। अब पाटन तहसीलदार ने उस रास्ते को दोबारा से चालू कर दिया है।
ग्रामीणों का कहना है वन विभाग ने रास्ता बंद किया और राजस्व विभाग ने वापस खोल दिया।
पाटन रेंजर मुकेश कुमार मुंड ने बताया कि रास्ता हमारी वन भूमि से होकर निकल रहा था। ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद हमने उच्च अधिकारियों के निर्देशन में अवैध रास्ते को बंद कर दिया था। अब पाटन तहसीलदार ने उस रास्ते को पुनः खोल दिया है, जो नियम विरुद्ध है। हम इस रास्ते को दोबारा से बंद कर देंगे और हमारे विभाग की भूमि से गुजरने वाले रास्ते को चालू करने वाले विभाग पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
लोगों को आगमन में बाधा उत्पन्न हो रही थी- तहसीलदार
पाटन तहसीलदार सुभाष चंद्र का कहना है कि यह रास्ता रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज है एक-दो खसरे फॉरेस्ट के खाते में हैं, लेकिन वह गैर मुमकिन सड़क है। जो की 20-25 साल से चालू है। वन विभाग द्वारा बंद किए गए रास्ते से गांव के लोगों को आगमन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। जिसको लेकर ग्रामीणों ने हमारे से संपर्क किया और हमने इसका रिकॉर्ड चेक करवाया। वन विभाग के डीएफओ व उच्चाधिकारियों को भी मामला समझाया रास्ता खोलने की कार्रवाई पूर्णतया नियम अनुसार की गई है, जिसके बारे में वन विभाग के डीएफओ को भी बताया गया था। वन विभाग दोबारा से रास्ता बंद करने की कार्रवाई करता है तो इसके बारे में उच्च अधिकारियों से चर्चा कर आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।