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सूबेदार का हार्ट अटैक से निधन:5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा से दी जाएगी अंतिम विदाई; पूरा परिवार फौज से


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सूबेदार का हार्ट अटैक से निधन:5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा से दी जाएगी अंतिम विदाई; पूरा परिवार फौज से

सूबेदार का हार्ट अटैक से निधन:5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा से दी जाएगी अंतिम विदाई; पूरा परिवार फौज से

झुंझुनूं : छुट्टी पर गांव आए 43 साल के सेना के सूबेदार भंवरलाल महला (43) का निधन हो गया। देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। निधन के बाद ग्रामीण तिरंगा यात्रा निकाल कर उन्हें अंतिम विदाई देंगे। महला परिवार झुंझुनूं जिले के बास नानक गांव में देशभक्ति की मिसाल भी है। सूबेदार महला के पिता, ताऊ और चाचा सेना में रह चुके हैं। वहीं उनके 8 चचेरे भाई सेना में हैं।

जाट रेजिमेंट में थे

सूबेदार भंवरलाल महला भारतीय सेना में 2 जाट रेजिमेंट से जुड़े थे। उन्होंने 28 फरवरी 1998 को सेना जॉइन की थी और देशभर में कई महत्वपूर्ण पोस्टिंग पर सेवाएं दीं।दो साल पहले ही उनकी पोस्टिंग लेह स्थित 5RR यूनिट में हुई थी। वे बेहद अनुशासित, कर्तव्यनिष्ठ और मिलनसार स्वभाव के अधिकारी थे।

पिता-चाचा और ताऊ भी सेना से

12 जून को वे छुट्टी पर अपने गांव बास नानक परिवार से मिलने के लिए आए थे। घर पर रहते हुए अचानक तबीयत खराब हुई और देखते ही देखते परिवार के सिर से उनका साया उठ गया। भंवरलाल महला का परिवार पूरी तरह सेना से जुड़ा हुआ है। उनके पिता महादाराम महला भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर्ड हुए हैं।

ताऊ फूलचंद भी हवलदार के पद से रिटायर थे और कुछ दिनों पहले ही उनका निधन हुआ था। वहीं, चाचा ताराचंद भी सेना में हवलदार रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके चचेरे भाई भी आठ की संख्या में भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। यह परिवार देशभक्ति की मिसाल माना जाता है।

गांव में शोक का माहौल

उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटी बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है जबकि बेटा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा हुआ है। भाभी शिक्षिका हैं और दोनों भाई मजदूरी कर परिवार की जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। गांव के बुजुर्गों और ग्रामीणों के अनुसार, भंवरलाल बेहद विनम्र, सेवा भावी और समाजसेवी व्यक्तित्व के धनी थे। वे युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते रहते थे। उनके निधन की खबर सुनकर गांव में शोक का माहौल है।

तिरंगा यात्रा राणासर से शुरू होकर बास नानक तक निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों युवा भाग लेंगे। सभी तिरंगे झंडे के साथ सूबेदार भंवरलाल महला को अंतिम विदाई देंगे।

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