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हरियाणा में हरे पेड़ों की बेरोक-टोक तस्करी, वन विभाग ने की कार्रवाई, 183 क्विंटल लकड़ी जप्त


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हरियाणा में हरे पेड़ों की बेरोक-टोक तस्करी, वन विभाग ने की कार्रवाई, 183 क्विंटल लकड़ी जप्त

हरियाणा में हरे पेड़ों की बेरोक-टोक तस्करी, वन विभाग ने की कार्रवाई, 183 क्विंटल लकड़ी जप्त

सादुलपुर : सरकार भले ही पर्यावरण संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन धरातल पर हालात इसके बिल्कुल उलट नजर आ रहे हैं। हरियाणा सीमा से सटे राजस्थान के गांवों में हरे पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी बेरोकटोक जारी है। हाल ही में वन विभाग की कार्रवाई में चांदगोठी क्षेत्र से 6 पिकअप जीप और एक ट्रैक्टर ट्रॉली को हरि लकड़ियों के साथ जब्त किया गया। इन वाहनों से कुल 183 क्विंटल हरी लकड़ी बरामद की गई है।

रात के अंधेरे में चल रही हरी लकड़ियों की तस्करी :

स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में प्रतिदिन कच्चे-पक्के रास्तों से लकड़ी की तस्करी हो रही है। खासकर मध्य रात्रि के बाद हाईवे के रास्ते हरियाणा तक यह लकड़ी पहुंचाई जा रही है। ट्रकों, पिकअप और ट्रॉलियों में तिरपाल ढ

ककर इन्हें राज्य की सीमा पार ले जाया जा रहा है।

वन विभाग की कार्रवाई, लेकिन प्रभावी नहीं :

हालांकि वन विभाग समय-समय पर कार्रवाई करता है, लेकिन यह कदम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। विभागीय अनदेखी और प्रभावी नियंत्रण के अभाव में तस्कर बेलगाम हो गए हैं।

आंकड़ों में कार्रवाई, ज़मीनी स्तर पर बेअसर :

चांदगोठी, सादुलपुर, हमीरवास, सिधमुख और तारानगर क्षेत्रों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से हरियाली तेजी से खत्म हो रही है। ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की कृषि भूमि वीरान हो जाएगी।

इनका कहना:

क्षेत्रीय वन अधिकारी, सादुलपुर के शंकरलाल ने बताया की चांदगोठी क्षेत्र में 6 पिकअप जीप और एक ट्रैक्टर ट्रॉली को हरि लकड़ियों सहित जप्त किया गया है। कुल 183 क्विंटल हरी लकड़ी बरामद की गई है। विभाग समय-समय पर कार्रवाई करता है और आगे भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

किसानों की मजबूरी का उठाया जा रहा फायदा
लकड़ी तस्कर किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर खेतों में लगे हरे पेड़ों को सस्ते दामों में खरीद लेते हैं। बाद में इन पेड़ों की कटाई कर उन्हें हरियाणा के झुंपा, सिवानी, तोशाम जैसे क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। इस अवैध कारोबार से तस्कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं जबकि पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।

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