झुंझुनूं में 18 पारंपरिक व्यवसायों के दक्षकारों ने कराया रजिस्ट्रेशन:प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना तहत लगा शिविर, शिल्पकारों के लिए उम्मीद की किरण
झुंझुनूं में 18 पारंपरिक व्यवसायों के दक्षकारों ने कराया रजिस्ट्रेशन:प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना तहत लगा शिविर, शिल्पकारों के लिए उम्मीद की किरण

झुंझुनूं : जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत शहर के प्रभात टॉकीज के पास एक दिवसीय पंजीयन शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्प और हस्तशिल्प से जुड़े कुशल कारीगरों को इस महत्वाकांक्षी योजना से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त बनाना है। शिविर में विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों ने हिस्सा लिया और योजना के लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
18 व्यवसायों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
इस विशेष पंजीयन शिविर में 18 व्यवसायों के दक्षकारों का पंजीकरण किया गया, जिनमें बढ़ई, लोहार, कुम्हार, मूर्तिकार, सुनार, दर्जी, नाई, जूता निर्माता, मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले, धोबी, राजमिस्त्री, हथकरघा बुनकर, खिलौना निर्माता, ताला बनाने वाले, कांस्य-ताम्रकार, घड़ी बनाने वाले और माला गूंथने वाले जैसे पारंपरिक पेशे शामिल हैं। इन कारीगरों ने योजना में पंजीकरण कराकर सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है।
5 दिन की ट्रेनिंग देंगे
योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थियों को पहले चरण में पांच दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कारीगरों को आधुनिक तकनीकों, नए डिजाइनों, वित्तीय मामलों की जानकारी और अपने उत्पादों की मार्केटिंग करने के तरीकों से अवगत कराना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, लाभार्थियों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें आधिकारिक तौर पर इस योजना का हिस्सा बनाएगा।
प्रशिक्षण के महत्व पर जोर देते हुए जिला उद्योग केंद्र के एडीसी नानूराम ने कहा-
यह प्रशिक्षण हमारे पारंपरिक कारीगरों को नए कौशल सीखने और अपने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार ढालने में मदद करेगा।
15,000 की टूल किट फ्री मिलेगी
प्रशिक्षण के उपरांत, योजना के तहत पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी को 15,000 रुपए मूल्य की टूल किट निशुल्क प्रदान की जाएगी। यह टूल किट उनके काम को और अधिक कुशलता से करने और उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगी। इसके अतिरिक्त, योजना की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इससे जुड़े दक्षकारों को अपने रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केवल 3 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
आसान किस्तों में मिलेंगे लोन
वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पहले चरण में लाभार्थियों को 1 लाख रुपए का ऋण 18 आसान मासिक किस्तों में दिया जाएगा। इसके सफल पुनर्भुगतान के बाद, दूसरे चरण में वे 2 लाख रुपए का ऋण 36 किस्तों में चुकाने की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। यह वित्तीय सहायता कारीगरों को अपने व्यवसाय को विस्तार देने, नई मशीनरी खरीदने या कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिला उद्योग केंद्र के एडीसी नानूराम ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक दक्षकारों को मुख्यधारा से जोड़ने की एक दूरदर्शी पहल है।