बुहाना के महिला एंव बाल विकास विभाग पर प्रशिक्षण कार्याे के नाम पर धांधली का आरोप, बिना लेखाधिकारी के कर दिया 4.85 लाख रूपए का भुगतान
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी नही करवाई जा रही मुहैया, डीप्टी डायरेक्टर को भी नही दी जा रही जानकारी

बुहाना : बुहाना के महिला एंव बाल विकास विभाग में प्रशिक्षण कार्यो के नाम पर धांधली करने का मामला सामने आया है। महिला एंव बाल विकास अधिकारी ने बिना लेखाधिकारी के 4.85 लाख रूपए का भुगतान कर दिया। मामले को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो सीडीपीओ की हथधर्मिता के चलते परिवादी को जानकारी भी उपलब्ध नही करवाई जा रही है। परिवादी पवन कुमार स्वामी ने बताया कि महिला एंव बाल विकास विभाग की ओर से उपानन कार्याे की गतिविधिया ब्लाक स्तर पर करवाई गई थी। उपानन कार्योे में सामान्य एंव वितिय नियमो की अवेहलना की गई है। नियमानुसार उपापन कमेटी में लेखाकार को शामिल नही कर गबन करने की बात सामने आ रही है। उन्होने बताया कि महिला एंव बाल विकास विभाग की ओर से फरवरी माह में पोषण भी पढाई भी कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ता प्रशिक्षण करवाय गया था। इसका मुख्य उद्वेश्य 0 से तीन वर्ष के बच्चों को प्रारंभिक बाल्यवस्था उदीपन तथा तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा सद्डीकरण के लिए पोषण भी पढाई भी कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसीसीई पाठयक्रम और शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। जिसमे विभाग के निदेशक की ओर से पत्र जारी कर राजस्थान लोक उपापन नियमों के अनुरूप प्रशिक्षण करवाने के निर्देश दिए थे।
कार्यकर्ता प्रशिक्षण के लिए विभाग की ओर से तीन दिवसीय प्रशिक्षण के 371850 रूपए आवंटित किए गए थे, जिसमे से प्रशिक्षण के नाम पर सीडीपीओ की ओर से 343280 रूपए खर्च किए गए। इसके अलावा राज्य सरकार के बजट घोषणा के अनुसार 4 नई आंगनबाडियो में कुर्सी टेबल व अन्य सामान के लिए एक लाख रूपए आंवटित किए गए, जिसमे 99 हजार 800 रूपए का सामान खरीद किया गया। इसके अलावा आईजीएमपीवाई में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण के लिए 45 हजार रूपए आंवटित किए गए, जिसमें 41961 रूपए खर्च कर बिल प्रस्तुत किया गया। इसके बाद नियमानुसार बिलो के भुगतान के लिए लेखाधिकारी का होना जरूरी होता है, लेकिन बुहाना सीडीपीओ ने लेखाधिकारी को शामिल करने की बजाय दो अन्य कर्मचारियों को शामिल कर बिलो का 4 लाख 85 हजार 41 रूपए का भुगतान कर दिया गया। जब इस संबध में परिवादी की ओर से बिलो के भुगतान को लेकर जानकरी मांगी गई तो उसे मना कर दिया तथा सूचना के अधिकार अधिनिय के तहत भी जानकारी उपलब्ध नही करवाई गई। इस संबंध में परिवादी की ओर से डिप्टी डायरेक्टर को पत्र भेजकर सूचना उपलब्घ करवाने की मांग की, लेकिन सीडीपीओ ने हथधर्मिता दिखाते हुए उनके द्ारा मांंगी गई जानकारी आज तक उपलब्ध नही करवाई गई। परिवादी की ओर से महिला एंव बाल विकास कार्यो में हुई धांधली को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियो से जांच करवा कर इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। मामले को लेकर सीडीपीओ संजय चेतानी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हाेनें फोन रिसीव नही किया।
डीप्टी डायरेक्टर को भी नही दी गई कार्यो की जानकरी, दो बार भेज चुके पत्र
महिला एंव बाल विकास विभाग में उपापन कार्यो में हुई धांधली को लेकर परिवादी की ओर से 26 मार्च को जानकारी मांगी गई। इसके बाद 16 अप्रैल को पूर्व मंे की गई शिकायत पर हुई कार्यवाही व जानकारी उपलब्ध करवाने की मांग की, लेकिन उसे कोई भी जानकारी उपलबध नही करवाई गई। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर बिजेंद्र राठौड को शिकायत करने पर उन्होने दो अप्रैल व 22 अप्रैल को बुहाना सीडीपीओ को लैटर जारी कर एक जनवरी से 31 मार्च तक करवाए गए कार्याे की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद भी सीडीपीओ ने डिप्टी डायरेक्टर को सूचना उपलब्ध नही करवाई। ऐसे में सीडीपीओ की हठधर्मिता से विभागीय अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे है।
इनका कहना है
बुहाना ब्लाक में उपापन कार्यो में धांधली होने की मेरे पास शिकायत आई थी, जिस पर सीडीपीओ को पत्र जारी कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। अब तक मेरे पास कोई रिपोर्ट नही आई है। रिपोर्ट आने पर मामले की जांच करवाई जाएगी। यदि इन कार्यो का भुगतान गलत तरीके से हुआ है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। – बिजेंद्र सिंह राठौड, डिप्टी डायरेक्टर महिला एंव बाल विकास विभाग