[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

सीकर में करंट लगाकर की थी पत्नी की हत्या, उम्रकैद:जज बोले- पति ही पत्नी का संरक्षण यह कृत्य माफ करने लायक नहीं; मुंह छिपाकर कोर्ट से निकला


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यसीकर

सीकर में करंट लगाकर की थी पत्नी की हत्या, उम्रकैद:जज बोले- पति ही पत्नी का संरक्षण यह कृत्य माफ करने लायक नहीं; मुंह छिपाकर कोर्ट से निकला

सीकर में करंट लगाकर की थी पत्नी की हत्या, उम्रकैद:जज बोले- पति ही पत्नी का संरक्षण यह कृत्य माफ करने लायक नहीं; मुंह छिपाकर कोर्ट से निकला

सीकर : सीकर की एडीजे कोर्ट संख्या-1 ने 8 साल पुराने दहेज हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार के अर्थदंड से दंडित भी किया है। आरोपी ने अपनी पत्नी को बिजली की तार से करंट लगाकर मार दिया था। आरोपी को जब कोर्ट से जेल ले जाया गया तो वह मुंह छिपाकर रोता हुआ दिखाई दिया।

अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार शर्मा ने बताया- 10 अप्रैल 2017 को शिकायतकर्ता भवानी सिंह (37) निवासी ऊंटवालिया रतननगर (चुरु) ने सीकर के रानोली पुलिस थाने में दी रिपोर्ट में बताया था कि उसकी बहन कैलाश कंवर की शादी देवी सिंह निवासी त्रिलोकपुरा रानोली (सीकर) से हुई थी। बहन की शादी में उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज दिया था। मृतका के शादी के बाद कोई संतान नहीं हुई।

सजा सुनने के बाद आरोपी कोर्ट से रोते हुए मुंह छुपाकर बाहर निकला।
सजा सुनने के बाद आरोपी कोर्ट से रोते हुए मुंह छुपाकर बाहर निकला।

करंट लगा कर हत्या की थी

शादी के बाद से ही मृतका का पति व ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। मृतका के साथ मारपीट की जाती थी। कैलाश कंवर के ससुराल वाले उसे जान से मारने की धमकियां भी देते थे। 10 अप्रैल 2017 को सुबह 7 बजे देवी सिंह ने मृतका के भाई को फोन कर सूचना दी कि करंट लगने से कैलाश कंवर की मौत हो गई है। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों ने महिला की करंट लगाकर हत्या कर दी। इसके बाद मृतका के भाई ने दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया।

7 साल तक मामला कोर्ट में चला

घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी और आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। 7 साल तक मामला कोर्ट में चला। कोर्ट में 41 गवाह और 71 दस्तावेजी साक्ष्य कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। जिसके बाद आज (मंगलवार) को अपर सेशन न्यायाधीश क्रम-1 महेंद्र प्रताप बेनीवाल ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया।

कोर्ट ने कहा- पत्नी का संरक्षण पति यह कृत्य माफ नहीं किया जा सकता

फैसले के दौरान जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि विवाह के पश्चात पति ही एक तरह से अपनी पत्नी का संरक्षक होता है। लेकिन अभियुक्त ने मृतका का संरक्षक होते हुए भी अपनी पत्नी के साथ जो कृत्य किया है वह गंभीर प्रकृति का है। ऐसे गंभीर मामलों में यदि नरमी का रुख अपनाया जाता है तो इसे समाज में व्यक्तित्व प्रभाव पड़ेगा।

आजकल दहेज की मांग व प्रताड़ित करने एवं हत्या करने के मामलों में वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में न्यायालय के मध्य में अभियुक्त के प्रति सजा में कोई नरमी का रुख अपनाया जाना नियोजित प्रतीत नहीं होता है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति गंभीरता एवं समाज पर पड़ने वाले प्रभाव आदि समस्त तत्वों पर विचार करने के पश्चात अभियुक्त को दंड से दंडित करना विधि एवं न्याय के उद्देश्यों के लिए नियोजित है।

Related Articles