जिले में खुलेगा वर्किंग वुमन हॉस्टल:कामकाज करने वाली महिलाओं को मिलेगी रहने की सुविधा
जिले में खुलेगा वर्किंग वुमन हॉस्टल:कामकाज करने वाली महिलाओं को मिलेगी रहने की सुविधा
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झुंझुनूं : सरकार प्रदेश में काम करने वाली महिलाओं के लिए वर्किंग वुमेन हॉस्टल बनाने की तैयारी में है। कामकाजी महिला निवास योजना की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत प्रदेश के हर संभाग व जिला मुख्यालय पर वर्किंग वुमेन हॉस्टल खुलेंगे। जिलों में 50 व संभाग स्तर पर 100 हॉस्टल बनेंगे। इस हॉस्टल में महिलाओं की सुरक्षा के साथ बेहतर सुविधा और भोजन की व्यवस्था होगी। उन्हें सुविधा के हिसाब से महीने का किराया देना होगा। इन हॉस्टलों को पीपीपी मोड पर राज्य सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
इसमें दिलचस्प ये है कि वेतन भोगी के साथ स्वरोजगार कर रही महिलाएं भी रह सकेगी और 18 साल कम उम्र की बेटी व 12 साल से छोटे बेटे को भी साथ में रख पाएंगी। इससे शहर के अंदर अकेला रहकर कामकाज कर रही महिलाओं को काफी फायदा मिलेगा। 50 हजार रुपए से कम वेतन महिलाएं पात्र होगी सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग इस हॉस्टल का संचालन करेगा।
50 हजार रुपए से कम वेतन पाने वाली महिलाएं पात्र होंगी। कामकाजी महिला को 3 साल तक हॉस्टल में रहने की सुविधा देंगे व संस्थाओं के चयन के लिए एक समिति बनेगी। कामकाजी महिला आवास योजना में प्रदेश की मूल निवासी महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। इनमें भी एकल, बेवा, दिव्यांग, तलाकशुदा वर्किंग महिलाओं को स्थान मिलेगा। हॉस्टल में प्रवेश के लिए 50 हजार से कम वेतन वाली महिलाकर्मी ही पात्र होंगी। इससे ज्यादा वेतन होने पर उनको छह महीने में हॉस्टल खाली करना पड़ेगा।
वहीं महिलाकर्मी के कार्यस्थल के निकट परिवार या खुद का आवास नहीं होना चाहिए। योजना में स्वयंसेवी संस्था के चयन के लिए जिला स्तर पर चयन समिति गठित होगी। जिसमें समाज कल्याण विभाग के जिला अधिकारी अध्यक्ष होंगे और हॉस्टल प्रबंधक सचिव होंगे। इनके अलावा ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, दो प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं को समिति में लिया जाएगा। हॉस्टल में एक प्रबंधक, तीन केयर टेकर व सुरक्षा गार्ड लगाए जाएंगे। समाज कल्याण विभाग झुंझुनूं के उप निदेशक डॉ पवन पूनिया ने बताया कि अभी इस संबंध में निर्देश नहीं मिले है। जैसे ही जिले को लेकर गाइडलाइन आएगी, काम शुरू कर दिया जाएगा।