त्रिशूल गिराएगा पाकिस्तानी ड्रोन:360 डिग्री राउंड लेने में सक्षम, ट्रिगर दबते ही तीन इंसास राइफलों से बरसेंगी गोलियां, एक राउंड में 15 फायर
त्रिशूल गिराएगा पाकिस्तानी ड्रोन:360 डिग्री राउंड लेने में सक्षम, ट्रिगर दबते ही तीन इंसास राइफलों से बरसेंगी गोलियां, एक राउंड में 15 फायर

बीकानेर : राजस्थान से सटी भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ का ‘त्रिशूल’ अब पाकिस्तानी ड्रोन का मुकाबला करेगा। इसके जरिए हवा में 1500 मीटर ऊंचाई तक ड्रोन को उड़ाया जा सकेगा। बीकानेर सेक्टर में तैनात बीएसएफ की 140 बटालियन ने ड्रोन से मुकाबला करने के लिए देसी जुगाड़ कर लिया है।
बल के अधिकारियों ने करणी माता के त्रिशूल आकार का एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया है। इस पर तीन इंसास राइफलें फिट की गई हैं। इनसे एक बार में 15 से 20 राउंड फायर होगा। यह दो बाई दो का घेरा बनाएगा। इसका निशाना 400 मीटर तक टारगेट ध्वस्त करने में समक्ष है। आसमान में 1500 मीटर तक टारगेट भेद सकती है। यह व्हीकल माउंटेड एंटी ड्रोन सिस्टम है, जो सीमा चौकी से दूर खेतों के रास्तों में तीन से पांच किलोमीटर तक की रेंज में तैनात किया गया है।
इसे ऑपरेशनल करने के लिए नाइट राइडर टीम(एनआरटी) गठित की गई है। इस टीम में ड्राइवर सहित पांच जवान तैनात किए गए हैं। यह टीम पूरी रात पांच से सात किलोमीटर एरिया में पेट्रोलिंग करती है। पाकिस्तान से सटे बीकानेर और श्रीगंगानगर बॉर्डर पर ड्रोन के जरिए हेरोइन तस्करी को रोकना बीएसएफ के लिए चुनौती बना हुआ है। आए दिन पाक ड्रोन भारतीय सीमा में बीओपी से करीब पांच किलोमीटर तक खेतों में हेरोइन गिरा कर लौट जाता है।
ड्रोन की लाल रंग की लाइट पर टेपिंग करने से वह बीएसएफ के जवानों को नजर नहीं आता। ऊंचाई अधिक होने पर कई बार उसकी आवाज भी सुनाई नहीं देती। मौका पाकर भारतीय तस्कर हेरोइन उठा कर फरार हो जाते हैं। पाकिस्तानी ड्रोन को गिराने के लिए ही व्हीकल माउंटेड एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया गया है। गौरतलब है कि पूर्व में यह सिस्टम जमीन पर स्थापित किया गया था, लेकिन वह कारगर नहीं हो पाया। उसके बाद इसे व्हीकल पर माउंटेड कर दिया गया।
पवन कुमार – द्वितीय कमान अधिकारी, बीएसएफ
व्हीकल माउंटेड एंटी ड्रोन सिस्टम 360 डिग्री राउंड में ड्रोन को हवा में मार गिराने में समक्ष है। इसे लोहे के पाइप से तैयार किया गया है। पाइप पर त्रिशूल नुमा तीन एंगल पर तीन ही 5.56 एमएम केलिबर की इंसास राइफल फिट की गई है। इन तीनों के ट्रिगर को एक ही लीवर से जोड़ा गया है, जिस पर जवान की अंगुली रहती है।
ड्रोन दिखाई देने इसके लीवर को जोर से खींचने पर फायर खुलता है। एक ही बार में तीनों राइफल से 15 से 20 राउंड गोलियां निकलती है, जो 2×2 के घेरे में आने पर हवा में 1500 मीटर तक ड्रोन को मार गिराने में समक्ष है। इसके अलावा गाड़ी पर दो अन्य जवान भी राइफल लिए तैनात रहते हैं। ये भी ड्रोन को निशाना बनाते हैं। एक साथ पांच राइफलों से फायर होता है।