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झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन:नीतिगत दस्तावेजों की प्रतियां जलाई, किसान आंदोलन के दौरान हुए समझौते को लागू करने की मांग की


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झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन:नीतिगत दस्तावेजों की प्रतियां जलाई, किसान आंदोलन के दौरान हुए समझौते को लागू करने की मांग की

झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन:नीतिगत दस्तावेजों की प्रतियां जलाई, किसान आंदोलन के दौरान हुए समझौते को लागू करने की मांग की

झुंझुनूं : राष्ट्रीय आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सोमवार को झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन का किया गया। प्रदर्शनकारियों ने तानाशाही नहीं चलेगी, किसानों को रिहा करों, किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। किसान कृषि विपणन पर नीतिगत दस्तावेज़ की प्रतियां जलाई गई। जिला प्रवक्ता रामचंद्र कुल्हरि ने कहा- किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से हुए समझौते को लागू करने की मांग को लेकर पिछले 11 महीने से किसान धरना प्रदर्शन कर रहे है।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 25 दिन आमरण अनशन पर बैठे है। धीरे धीरे उनकी हालत बिगड़ रही है। लेकिन केन्द्र की निरंकुश मोदी सरकार किसान संगठनों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी किसानों के संगठनों के साथ बातचीत और चर्चा करके समाधान का रास्ता निकालने के बजाय हरियाणा और उत्तर प्रदेश की भाजपा-आरएसएस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों के माध्यम से पंजाब के शंभू और खनूरी सीमाओं और उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में किसानों के संघर्षों का दमन कर रही है। शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों को जेल में डालकर, आंसू गैस के गोलों, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल करते हुए क्रूरतापूर्ण तरीके से दबाने-कुचलने का प्रयास कर रही हैं।

फूलचंद बर्बर ने कहा कि केंद्र सरकार अनशन पर बैठे किसान नेताओं से तुरन्त प्रभाव से चर्चा कर समझौते को लागू करे, ताकि उनकी जान बचाई जा सके। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के संघर्ष पर दमन बंद करने, ग्रेटर नोएडा में जेलों में बंद किसान नेताओं को रिहा कर कृषि विपणन पर नई राष्ट्रीय नीति रूपरेखा’ को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगों को पूरा नही किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस दौरान फूलचंद ढेवा, एडवोकेट बजरंग लाल, राजेश मील, सुरेन्द्र कुमार, गिरधारी सहित बड़ी संख्या में किसान धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।

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