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आधार कार्ड़ बनाने की फ्रेंचाईजी देने का झांसा देकर की थी ऑनलाईन साईबर ठगी


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आधार कार्ड़ बनाने की फ्रेंचाईजी देने का झांसा देकर की थी ऑनलाईन साईबर ठगी

साईबर ठगी के फरार आरोपी को झुंझुनूं पुलिस ने किया गिरफ्तार

बुहाना : ई-मित्र संचालकों को आधार कार्ड बनाने की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 6 लाख रुपए से अधिक की ठगी करने के मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी 11 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस उसे जयपुर से पकड़ कर लाई है। बुहाना थानाधिकारी दयाराम चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ठिमाऊ बड़ी थाना हमीरवास (चूरू) हाल निवासी जयपुर सोनू कुमार उर्फ सोनू शर्मा है। वह 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड बनाने की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करता था।

दरअसल कुछ लोगों के खिलाफ आधार कार्ड की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी का मामला जनवरी में दर्ज हुआ। पुलिस ने इस मामले में उस समय भिर्र निवासी सुनील उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन सोनू अभी तक फरार चल रहा था। मुखबिर की इतला पर बुहाना पुलिस की टीम ने जयपुर में दबिश देकर सोनू को भी गिरफ्तार कर लिया। सोनू को पकड़ने वाली टीम में बुहाना थानाधिकारी दयाराम चौधरी, हैड कांस्टेबल राजेश कुमार, अजय कुमार, कांस्टेबल केशव, सोमवीर शामिल रहे।

बैंक में नौकरी करता था, बाद में ठगी करने लगा

बुह्यना थानाधिकारी दयाराम चौधरी ने बताया कि ठिमाऊ निवासी सोनू शर्मा पहले निजी बैंक में नौकरी करता था। उसने देश के अन्य राज्यों के ई-मित्र संचालकों की सूची जुटाई। ठगी करने के लिए सुबह-सुबह फ्रेंचाइजी के नाम पर व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते थे। ठगी की राशि अपने साथी के खाते में डलवाई थी।

5 वर्ष तक के बच्चों की आधार फ्रेंचाइजी का देते झांसा

पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ने राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के ई-मित्र संचालकों का डेटा एकत्रित कर उन्हें 5 वर्ष तक के बच्चों के आधार कार्ड की फ्रेंचाइजी देने का झांसा देते थे। जैसे ही ई-मित्र संचालक उनसे संपर्क करता वे लोग उससे रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1050 रुपए खाते में डलवा लेते थे। उसके बाद आधार कार्ड, ई-मित्र के दस्तावेज, आधार कार्ड लेकर 3200 रुपए खाते में डलवाकर एप इंस्टॉल कराते। दो दिन में प्रोसेस पूरा होने का झांसा देकर ठगी करते थे। इसके बाद ब्लॉक कर देते। इस तरह इन ठगों ने करीब दो हजार से अधिक ई-मित्र संचालकों से ठगी की। ठगी के शिकार अधिकांश ई-मित्र संचालक दूसरे राज्यों के होने के कारण पुलिस में शिकायत नहीं करवा रहे थे।

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