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सीकर से ढाई महीने से SSB का जवान लापता:ग्रामीण बोले- पुलिस जल्द तलाश करें, लोसल थाने के बाहर पड़ाव डालने की दी चेतावनी


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सीकर से ढाई महीने से SSB का जवान लापता:ग्रामीण बोले- पुलिस जल्द तलाश करें, लोसल थाने के बाहर पड़ाव डालने की दी चेतावनी

सीकर से ढाई महीने से SSB का जवान लापता:ग्रामीण बोले- पुलिस जल्द तलाश करें, लोसल थाने के बाहर पड़ाव डालने की दी चेतावनी

सीकर : सीकर से ढाई महीने से लापता एसएसबी (सीमा शस्त्र बल) के जवान का अभी तक सुराग नहीं लगा है। जवान अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकला था लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचा और न ही वापस घर आया। सीकर एसपी ऑफिस में आज ग्रामीणों, सैनिकों और पूर्व सैनिकों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

सेना के जवान सुभाष बुरानिया ने बताया- उसका पड़ोसी संतोष कुमार ओला (38) निवासी सांगलिया (सीकर) पिछले ढाई महीने से लापता है। उसका अभी तक पता नहीं लगा है। वह एसएसबी में कॉन्स्टेबल के पद पर 15 वाहिनी यूनिट काजलगांव जिला चिराग (आसाम) में तैनात था। 16 अक्टूबर को शाम 4 बजे ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकला था। रात को 9 बजे संतोष का फोन स्विच ऑफ आने लगा।

लापता एसएसबी का जवान संतोष कुमार।
लापता एसएसबी का जवान संतोष कुमार।

परिजनों ने संतोष कुमार से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई संपर्क नहीं हुआ। 18 नवंबर को आसाम यूनिट से फोन आया और एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि संतोष अभी तक ड्यूटी पर नहीं आया। तब परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। परिजनों ने संतोष की काफी जगह तलाश की और अपने परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों के यहां भी पता किया लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने 7 नवंबर को गुमशुदगी की रिपोर्ट लोसल थाने में दी।

कॉन्स्टेबल सुभाष कुमार की मां मोटी देवी ने बताया- करीब 11 साल पहले सुभाष एसएसबी में नौकरी लगा था। संतोष घर में छुट्टी पर आया हुआ था। 16 अक्टूबर रात को 8 बजे वह घर से निकला था और 18 अक्टूबर को वह ड्यूटी ज्वाइन करने वाला था। 16 अक्टूबर रात को 9 बजे उसकी बात संतोष से बात हुई थी।

वह कह रहा था कि मां रास्ते में हूं। जिसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ आने लगा। परिजनों ने सोचा कि फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो गई होगी और फोन बंद हो गया। घटना को कई दिन बीत गए लेकिन उसका फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। जिससे परिजन काफी चिंतित थे।

एसपी ऑफिस में रिपोर्ट देने आए परिजन।
एसपी ऑफिस में रिपोर्ट देने आए परिजन।

18 अक्टूबर को जब आसाम यूनिट से अधिकारियों का फोन आया तो उन्हें संतोष के लापता हो जाने का पता चला। जिसके बाद परिजनों ने लोसल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। पुलिस ने दो दिन तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। जिसके बाद आस-पास के लोगों व जनप्रतिनिधियों से कहकर 7 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई। अब एसपी से संतोष को ढूंढने की गुहार लगाई है ताकि मेरा बेटा मिल जाए।

धोद के पूर्व विधायक पेमाराम ने बताया- सांगलिया से फौजी लापता हो जाने की परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई है। पुलिस को फौजी के सीकर से जयपुर तक जाने की लोकेशन मिली थी। जयपुर तक फौजी का रिजर्वेशन कराया हुआ था। लेकिन इससे आगे से फौजी लापता हो गया जिसका अभी तक पता नहीं चला। फौजी ने तो ड्यूटी पर गया और न ही वापस घर आया। आज आसाम से आए अधिकारियों ने भी एसपी से मिलकर फौजी को ढूंढने की रिपोर्ट दी है।

सांगलिया ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा- इस तरह से एसएसबी के जवान के लापता हो जाने का मामला बड़ा मामला है। पुलिस छोटे स्तर पर इसकी जांच कर रही है। जवान के लापता हो जाने से पूरे गांव के ग्रामीणों में आक्रोश है। ढाई महीने में जांच अधिकारी बदला नहीं गया।

मामले को लेकर स्थानीय पुलिस व डिप्टी एसपी से भी काफी बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा- अगर आज इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण लोसल थाने के बाहर पड़ाव डालेंगे और विरोध-प्रदर्शन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी जिला पुलिस प्रशासन की होगी।

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