सीकर : बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में आज विभाग के कर्मचारियों द्वारा आक्रोश जताया गया। जिन्होंने एक दिन का कार्य बहिष्कार करते हुए आज सहायक अभियंता कार्यालयों में धरना दिया। सहायक अभियंताओं और एसडीएम को निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया गया। 29 नवंबर को बिजली विभाग के कर्मचारी कलेक्ट्रेट पर धरना देंगे। कर्मचारी नेता राजकुमार भास्कर ने बताया कि सरकार द्वारा अलग-अलग नामों से ठेके दिए जा रहे हैं जिससे कर्मचारियों के हितों का तो हनन होगा। साथ ही जनता को भी इससे काफी नुकसान होगा।
बोले- निजीकरण के नाम पर अलग-अलग मॉडल ला रही
कनिष्ठ अभियंता नितेश गढ़वाल ने बताया कि निजीकरण के नाम पर राजस्थान सरकार भिन्न-भिन्न प्रकार के मॉडल ला रही है। कभी FRT मॉडल तो कभी GSS का निजीकरण किया जा रहा है इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। हम चाहते हैं कि तुरंत प्रभाव से इस निजीकरण पर रोक लगाई जाए। पहले की तरह ऊर्जा विभाग में नियमित भर्ती की जाए। इस निजीकरण के चलते ठेकेदार हावी हो रहे हैं जनता पर।
5 रुपए के काम के भी जनता को अतिरिक्त पैसे देने पड़ रहे हैं। यदि सरकारी कर्मचारी किसी काम को करते हैं तो वह जनता के प्रति भी संवेदनशील रहते हैं। बिजली विभाग के कर्मचारी महेश सेवदा ने बताया कि निजीकरण के चलते ठेकेदारों की मनमर्जी से एग्रीकल्चर कनेक्शन में भी देरी हो रही है। निजीकरण के विरोध में 29 नवंबर को कलेक्ट्रेट पर धरना देकर ज्ञापन दिया जाएगा।