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संजीवनी घोटाले के फैसले को लेकर गहलोत बोले:शेखावत जांच रिपोर्ट के पेज सात पर दोषी थे, अब एसओजी ने यू-टर्न लिया


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संजीवनी घोटाले के फैसले को लेकर गहलोत बोले:शेखावत जांच रिपोर्ट के पेज सात पर दोषी थे, अब एसओजी ने यू-टर्न लिया

संजीवनी घोटाले के फैसले को लेकर गहलोत बोले:शेखावत जांच रिपोर्ट के पेज सात पर दोषी थे, अब एसओजी ने यू-टर्न लिया

जयपुर : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को कोर्ट से संजीवनी मामले में क्लीन चिट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। गहलोत ने कहा कि संजीवनी प्रकरण को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में हाईकोर्ट का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने एसओजी द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया।

इस केस के जांच अधिकारी को भी हटा दिया गया एवं भाजपा सरकार द्वारा नामित सरकारी वकीलों ने भी केन्द्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया। इस सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप एफआईआर को रद्द नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है।

एसओजी द्वारा 12 अप्रेल 2023 को राजकीय अधिवक्ता को लिखे गए पत्र में इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी, जिसके पेज नंबर 7 पर केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत एवं उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी और आरोपी माना। इस रिपोर्ट में लिखा गया कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में हैं, उनसे गजेंद्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है।

इस केस के सैकड़ों पीडितों ने मुझसे मुलाकात की तब मैंने एसओजी से इस मामले की जानकारी मांगी। तब एसओजी ने गृहमंत्री के रूप में मुझे इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया। मेरा शेखावत के प्रति कोई व्यक्ति द्वेष नहीं था। एसओजी की इस ब्रीफिंग के आधार पर ही मैंने मीडिया के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी सामने रखी।

उनकी माताजी के प्रति पूरा सम्मान

शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी स्वर्गीय माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया। मेरा उनकी स्वर्गीय माताजी के प्रति पूरा सम्मान है लेकिन राज्य के गृहमंत्री के रूप में मेरे सामने लाए गए तथ्यों को पीडितों एवं जनता के सामने रखा जाना मेरा कर्तव्य था। अब राज्य में सरकार बदलने के बाद एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया,जिसके कारण एसओजी ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है।

मेरी मांग है कि निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर इस प्रकरण की जांच की जाए, जिससे पता चले कि कांग्रेस शासन में एसओजी द्वारा गलत जांच की गई या अभी दबाव में एसओजी ने गलत रिपोर्ट तैयार की है। कांग्रेस सरकार के समय इस केस में एसओजी ने फॉरेंसिक ऑडिट तक करवाकर भी जांच की थी। मेरा उद्देश्य लाखों पीडितों के साथ न्याय सुनिश्चित कर उनके जीवन की मेहनत की कमाई वापस उनको दिलवाने का है।

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