[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में 2 डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी को जमानत:हाईकोर्ट ने कहा-ये फर्जी NOC लेने में शामिल थे, यह स्पष्ट नहीं; 5 की खारिज की


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में 2 डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी को जमानत:हाईकोर्ट ने कहा-ये फर्जी NOC लेने में शामिल थे, यह स्पष्ट नहीं; 5 की खारिज की

ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में 2 डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी को जमानत:हाईकोर्ट ने कहा-ये फर्जी NOC लेने में शामिल थे, यह स्पष्ट नहीं; 5 की खारिज की

जयपुर : फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के मामले में गिरफ्तार दो डॉक्टरों और एक नर्सिंग स्टाफ को गुरुवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा- डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन को एनओसी प्रस्तुत किए जाने के बाद ऑपरेशन किए थे। ऐसे में अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि दोनों फर्जी एनओसी लेने में शामिल थे या नहीं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें फर्जी एनओसी के बारे में मालूम था या नहीं।

एसआईटी ने डॉ. संदीप गुप्ता, डॉ. जितेंद्र गोस्वामी और नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी को मई में गिरफ्तार किया था। तभी से तीनों जेल में थे। जस्टिस गणेशराम मीणा की अदालत ने डॉ. संदीप गुप्ता, डॉ. जितेंद्र गोस्वामी और भानू लववंशी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। वहीं, किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले बांग्लादेशी नागरिकों एहसान उल कोबिर, नुरूल इस्लाम, मैड सफर के डायरेक्टर सुखमय नंदी, सुमन जाना और फोर्टिस अस्पताल के को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया।

यह स्पष्ट नहीं है कि डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को फर्जी NOC के बारे में मालूम था। ऐसे में इन्हें जमानत दी जाती है। ~ राजस्थान हाईकोर्ट

वकील बोले- जांच अधिकारी ने कानून के साथ खिलवाड़ किया

जमानत पर बहस के दौरान डॉ. संदीप गुप्ता की ओर से पैरवी करने वाले वकील हेमंत नाहटा ने कहा- टोहो एक्ट (ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन्स एंड टिश्यूज एक्ट) की धारा 22 के तहत पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट प्रसंज्ञान नहीं ले सकता है।

इस तरह के मामले में पहले अधिकारी को कोर्ट में परिवाद पेश करना होता है। उसके बाद इस मामले में जांच की जाती है। लेकिन, यहां राज्य सरकार के अधिकारियों ने जांच अधिकारी के साथ मिलकर कानून के साथ खिलवाड़ किया है। मामले में नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने पैरवी की।

फोर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप को 10 मई को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने गुरुवार को भानू को भी जमानत दे दी।
फोर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप को 10 मई को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने गुरुवार को भानू को भी जमानत दे दी।

मार्च में एसीबी ने कार्रवाई की थी

एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च 2024 को सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त की थी।

कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया था। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जयपुर पुलिस ने इस केस में जांच शुरू कर दी थी।

अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मैड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना और दलाल सुखमय नंदी को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ में फोर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी की भूमिका मिली थी। पूछताछ में सामने आया था कि भानू रोजाना दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था। मामले की जांच के एसआईटी का गठन कर दिया गया था।

नर्सिंग स्टाफ के बाद हुई थी दोनों डॉक्टरों की गिरफ्तारी

10 मई को भानू लववंशी को गिरफ्तार किया गया था। भानू ने पूछताछ में बताया कि कौन-कौन डॉक्टर इस पूरे खेल में लगे हुए हैं। इसके बाद 11 मई को फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और डॉ. संदीप गुप्ता को एसआईटी ने गिरफ्तार किया गया था।

डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी फोर्टिस से पहले मणिपाल हॉस्पिटल में काम करते थे। मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितंबर 2023 में जितेंद्र गोस्वामी ने फोर्टिस जॉइन कर लिया था। डॉक्टर जितेंद्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया करते थे।

पुलिस ने इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल और दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।

Related Articles