ओला परिवार के गढ़ में बन रहे नए समीकरण, राजेन्द्र गुढ़ा ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन
7 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनावों को लेकर राजस्थान का सियासी पारा चढा हुआ है। इसके लिए दोनों पार्टीयां अपनी तैयारियों को धार देने में जुटी हुई हैं।

राजस्थान में 7 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनावों को लेकर सियासी गहमा-गहमी अब तेज हो गई है। कांग्रेस के साथ ही बीजेपी भी उपचुनावों की तैयारियों को धार देने में जुटी हुई हैं। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस लगातार अपने संगठन के कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं। वहीं, 7 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव की रणनीति के साथ दावेदार नेताओं से फीडबैक भी लिया जा रहा है।

गुढ़ा और शुभकरण चौधरी की चर्चाएं तेज
सीट के जातिगत-धार्मिक समीकरण
हम बात करे झुंझुनूं सीट पर जातियों की तो यहां मुस्लिम, जाट व दलित मतदाताओं का बाहुल्य है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही मैदान में जाट समुदाय के उम्मीदवार को उतारना बेहद सुरक्षित रहता है। झुंझुनू में 23 फीसदी मुस्लिम वोटर्स है। मुस्लिम वोट कांग्रेस के परंपरागत वोट माने जाते हैं। इस समीकरण के चलते बीजेपी के लिए यह सीट काफी मुश्किल मानी जाती है। इस जातीय गणित के दम पर ही कांग्रेस लगातार सीटें जीत रही है।
भाजपा-कांग्रेस में ये दावेदार
माना जा रहा है कि झुंझुनूं सीट पर विरासत के चलते कांग्रेस की टिकट फिर से ओला परिवार के पास ही जा सकती है। चर्चा है कि बृजेन्द्र ओला की पत्नी राजबाला ओला को चुनाव लड़वाया जा सकता है। इनके अलावा मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार का नाम भी मजबूती से सामने आया है। चोपदार कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ-साथ बोर्ड चेयरमैन होने के कारण अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते है। वहीं, चोपदार ने हाल ही में जयपुर में कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा से मिलकर अपनी दावेदारी पेश की है।
पिछले तीन चुनाव के परिणाम
2013 के विधानसभा चुनावों में मोदी लहर होने के बावजूद बृजेन्द्र ओला ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में बृजेंद्र ओला भाजपा के राजीव सिंह को हराया था। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी बृजेंद्र ओला ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने उम्मीदवार बदलकर राजेंद्र भांबू को चुनाव में उतारा था, लेकिन वे भी जीत हासिल नहीं कर पाए था। वहीं, 2023 के विधानसभा चुनावों में भी बृजेन्द्र ओला ने ही जीत हासिल की थी। इस बार भी भाजपा ने उम्मीदवार बदलकर बबलू चौधरी को टिकट दिया था, लेकिन इनकी भी हार हुई।
इन 7 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूम्बर, चौरासी और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। देवली उनियारा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक हरीश मीणा अब सांसद बन चुके हैं। दौसा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा अब सांसद बन चुके हैं। झुंझुनूं विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला अब सांसद बन चुके हैं। चौरासी विधानसभा सीट, BAP विधायक राजकुमार रोत अब सांसद बन चुके हैं।